कर्नाटक: सेंट गेरोस स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने बर्खास्त शिक्षिका का बचाव किया

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प्रधानाध्यापिका ने स्पष्ट किया कि हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप में जिस शिक्षिका को उनके पद से हटा गया वह वास्तव में कक्षा सातवीं में केवल रवींद्रनाथ टैगोर की एक कविता समझा रही थीं।

मंगलुरु के सेंट गेरोसा इंग्लिश उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सिस्टर अनीता ने बृहस्पतिवार को बयान बदलते हुए दावा किया कि हाल की घटना में कथित तौर पर हिंदू धर्म और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने पर बर्खास्त की गयी उनके स्कूल की शिक्षिका निर्दोष थी।

उन्होंने कहा कि हंगामे और विरोध प्रदर्शन से बचने के लिए ही उन्हें बर्खास्त किया था। उन्होंने अपने बयान में आरोप लगाया कि उनकी शिक्षिका पर हिंदू विरोधी टिप्पणी करने का जो आरोप लगाया गया वह साजिश प्रतीत होती है और यह भी पता चला है कि उन पर दबाव डाला गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि इस घटना का उद्देश्य स्कूल की छवि को धूमिल करना है। प्रधानाध्यापिका ने स्पष्ट किया कि हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप में जिस शिक्षिका को उनके पद से हटा गया वह वास्तव में कक्षा सातवीं में केवल रवींद्रनाथ टैगोर की एक कविता समझा रही थीं। उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘‘ शिक्षक ने देवताओं के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा था, लेकिन छात्रों को टैगोर की कविता ‘काम ही पूजा है’ का अर्थ भर समझाया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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