बिहार में पानी लूटने के लिए बनाई जा रही सड़कें, कन्हैया कुमार का दावा, BJP ने ऐसे कसा तंज

Kanhaiya Kumar
ANI
अंकित सिंह । Mar 26 2025 7:02PM

कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में भारतमाला परियोजना पर काम चल रहा है, इसे क्यों बनाया जा रहा है? अगर बिहार के पास कुछ नहीं है, तो सड़कें क्यों बनाई जा रही हैं? बिहार के पास कुछ ऐसा है जिसके लिए दुनिया तरसेगी।

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने यह आरोप लगाकर बहस छेड़ दी है कि उद्योगपति नई सड़क परियोजनाओं की आड़ में बिहार के जल संसाधनों को निशाना बना रहे हैं। कन्हैया ने दावा किया कि जिस तरह से दुनिया में पानी खत्म हो रहा है, उसी तरह दुनिया के पूंजीपतियों और व्यापारियों की नजर बिहार के पानी पर है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा बिहार में विकास परियोजनाएं लाकर राज्य के जल संसाधनों को लूट रही है।

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कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में भारतमाला परियोजना पर काम चल रहा है, इसे क्यों बनाया जा रहा है? अगर बिहार के पास कुछ नहीं है, तो सड़कें क्यों बनाई जा रही हैं? बिहार के पास कुछ ऐसा है जिसके लिए दुनिया तरसेगी। बिहार के पास पानी है। पानी पेट्रोल से भी ज़्यादा कीमती हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब वास्तव में औद्योगिकीकरण होना चाहिए था, तब ऐसा नहीं हुआ। अब जब उद्योग अपने आप लग गए हैं और स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा, तो ये लोग बिहार के पानी का दोहन करने के लिए छोटी-छोटी इकाइयां ला रहे हैं। 

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हमारे यहां बड़ी-बड़ी सड़कें बन रही हैं। हमारे पास कोई आय नहीं है, इसलिए वे सड़कें बना रहे हैं। वे किसके लिए सड़कें बना रहे हैं? यहां के संसाधनों को लूटने और उन्हें छीनने के लिए। कन्हैया कुमार के बयान पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों से और क्या उम्मीद कर सकते हैं जो राहुल गांधी के अनुयायी हैं? कन्हैया कुमार अपने बयानों से साबित कर रहे हैं कि उनके नेता राहुल गांधी हैं। 

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पूनावाला ने बताया कि कन्हैया कुमार ने कहा है कि बिहार में सड़कों की कोई ज़रूरत नहीं है। वह यह कहकर बिहार के लोगों का अपमान भी करते हैं कि उनकी कोई आय नहीं है। फिर वह विचित्र सिद्धांत देते हैं जैसे पेट्रोल से प्यास नहीं बुझती और बिहार के पानी को लूटने के लिए सड़कें बनाई जा रही हैं। ये विचित्र सिद्धांत हैं। उल्लेखनीय है कि भारतमाला परियोजना में लगभग 26,000 किलोमीटर लम्बे आर्थिक गलियारों के विकास की परिकल्पना की गई है, जिनसे स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) और उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम (एनएस-ईडब्ल्यू) गलियारों के साथ-साथ सड़कों पर अधिकांश माल यातायात संचालित होने की उम्मीद है।

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