प्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस, युवाओं के नेता नकुलनाथ बाकी कांग्रेस हो गई अनाथः शिवराज सिंह चौहान
एक कांग्रेस दिल्ली में है, एक दिग्वजय सिंह की कांग्रेस है। मध्य प्रदेश में तो कमलनाथ कांग्रेस है, युवाओं के नेता नकुलनाथ हैं और बाकी कांग्रेस अनाथ है।
ग्वालियर। कांग्रेस की स्थिति उस दिल की तरह हो गई है, जिसके टुकड़े हजार हो गए हैं। एक कांग्रेस दिल्ली में है, एक दिग्वजय सिंह की कांग्रेस है। मध्य प्रदेश में तो कमलनाथ कांग्रेस है, युवाओं के नेता नकुलनाथ हैं और बाकी कांग्रेस अनाथ है। ये बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को डबरा विधानसभा के टेकनपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति प्रणाम करने की है, लेकिन जब भी मैं जनता को प्रणाम करता हूं तो कांग्रेस को तकलीफ होती है। कांग्रेस के नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कहते हैं कि शिवराज सिंह चौहान ने तो जनता के सामने घूटने टेक दिए हैं, लेकिन कमलनाथ क्या जाने मध्य प्रदेश को, वे क्या जाने मध्य प्रदेश की धरती को, यहां के संस्कारों को। वे तो उद्योगपति हैं, सेठ हैं। उन्हें प्रदेश की जनता से कोई लेना-देना नहीं, उनका लेना-देना तो उद्योगपतियों से है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश को 2003 के पहले दिग्विजय सिंह ने कंगाल बनाकर रखा था, लेकिन भाजपा की सरकार ने 15 वर्षों में विकास की राह पर लाकर खड़ा किया। 2018 के विधानसभा चुनाव में हमारी कुछ सीट कम आई तो हमने कहा कि जोड़-तोड़ नहीं करेंगे, कांग्रेस को सरकार बनाने दिया। इस बार इनके मुख्यमंत्री बने कमलनाथ और उन्होंने भी वही काम फिर से शुरू कर दिया, जो पहले हुआ करता था। वल्लभ भवन को दलालों की मंडी बना दिया। उनके पास मंत्री-विधायकों से मिलने का समय नहीं होता था, लेकिन नोट कमाने के लिए घंटों बैठकर दलालों के साथ बैठकें करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 15 माह में ही मध्य प्रदेश को कंगाल बना दिया। इनके पास विकास करने के लिए पैसे नहीं थे। हमेशा पैसों का रोना रोते थे, लेकिन हमने सरकार में आते ही विकास कार्यों को शुरू किया, कभी भी पैसों का रोना नहीं रोया।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ कहते हैं कि शिवराज सिंह तो नारियल लेकर चलते हैं। हम विकास के कार्य कराते हैं तो नारियल तो फोड़ेंगे ही, लेकिन उनकी तो किस्मत ही फूटी है, वे क्या नारियल फोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है, लेकिन कमलनाथ को जनता से क्या मतलब? वे तो उद्योगपति हैं, सेठ हैं, वे क्या जाने प्रदेश की गरीब जनता का दर्द, जिनके लिए हमने कई योजनाएं शुरू की तो कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही इन योजनाओं को बंद करा दिया। उन्होंने संबल योजना को बंद कर दिया, जिसके माध्यम से हम किसी गरीब की मौत पर उसके कफन के लिए 5 हजार रूपए देते थे। उसकी मौत पर परिवार को 4 लाख रूपए की राशि देते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू हुई, लेकिन कमलनाथ ने सरकार में आते ही इसकी राशि को तो बढ़ा दिया, लेकिन एक भी बेटी को 51 हजार रूपए की राशि नहीं दे पाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह धरती माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान नहीं सहन करेगी। कमलनाथ ने बहन इमरती देवी का अपमान किया है, उन्होंने चंबल की धरती का अपमान किया है, प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान किया है। यह अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रावण ने भी माता सीता का अपमान किया था और रावण को मंदोदरी ने भी समझाया, विभीषण ने भी समझाया, लेकिन रावण हथधर्मी था और उसका हश्र ये हुआ कि उसके वंश में कोई नाव लेना पानी देवा भी नहीं बचा। कमलनाथ को उनके नेता राहुल गांधी ने भी समझाया कि वे माफी मांगे, लेकिन कमलनाथ भी दंभ और गुरूर से चूर हैं। उन्हें अपने किए पर पछतावा नहीं है।
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