मोदी-शाह से मुलाकात के बाद सिंधिया का कांग्रेस से इस्तीफा, कमलनाथ सरकार पर संकट गहराया
पार्टी के अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये कहा, माधवराव सिंधिया की जयंती पर हम उन्हें सम्मान याद करते हैं। वह नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और रेल मंत्री के तौर पर सेवा दी। उनके कार्यकाल के दौरान ही पहली शताब्दी ट्रेन की शुरुआत हुई।
नयी दिल्ली। मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार की सुबह अपने आवास से निकले। ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान वहां अमित शाह भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्य प्रदेश के राज्यपाल को लिखते हैं, छह मंत्रियों को तत्काल हटाने की सिफारिश करते हैं।
Chief Minister Kamal Nath writes to Madhya Pradesh Governor, recommends the immediate removal of six ministers. pic.twitter.com/wcUxg6LKLt
— ANI (@ANI) March 10, 2020
भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान: कांग्रेस नेता और वरिष्ठ विधायक बिसाहू लाल साहू जी यहां हमारे साथ हैं और भाजपा में शामिल हो रहे हैं
BJP leader Shivraj Singh Chouhan: Congress leader and senior MLA Bisahu Lal Sahu ji is here with us and is joining BJP. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/QZEAkfQnqg
— ANI (@ANI) March 10, 2020
अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा में कांग्रेस नेता: यह वास्तव में हमारी पार्टी के लिए एक नुकसान होगा और मुझे नहीं लगता कि मध्य प्रदेश में हमारी सरकार बच पाएगी। यह बीजेपी की वर्तमान राजनीति है, हमेशा विपक्षी दलों को गिराने और अस्थिर करने की कोशिश करती है
Adhir Ranjan Chaudhary, Congress leader in Lok Sabha: So yes it will indeed be a loss to our party and I don't think our Govt in Madhya Pradesh will survive. This is the present-day politics of BJP, always tries to topple and destabilize opposition govts https://t.co/XkiPiEwIjO pic.twitter.com/kM7RSbZihn
— ANI (@ANI) March 10, 2020
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया इस्तीफा
Congress leader Jyotiraditya Scindia tenders resignation to Congress President Sonia Gandhi pic.twitter.com/GcDKu3BLw8
— ANI (@ANI) March 10, 2020
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है।
KC Venugopal, Congress: The Congress President has approved the expulsion of Jyotiraditya Scindia from the Indian National Congress with immediate effect for anti-party activities. https://t.co/NpsGIvfmJR pic.twitter.com/AF10ZyqtJE
— ANI (@ANI) March 10, 2020
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास से रवाना हुए
Delhi: Union Home Minister Amit Shah and Congress leader Jyotiraditya Scindia leave from Prime Minister Narendra Modi's residence pic.twitter.com/xTRdHq5SOl
— ANI (@ANI) March 10, 2020
पहले कहा जा रहा था कि उनके ग्वालियर जाने की संभावना है जहां उनके दिवगंत पिता माधवराव सिंधिया की जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम होना है। लेकिन अपने आवास से निकलने के बाद सिंधिया सबसे पहले गुजरात भवन पहुंचे जहां उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की।
Delhi: Jyotiraditya Scindia leaves from his residence pic.twitter.com/dVDwgC0ulU
— ANI (@ANI) March 10, 2020
नयी दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिंधिया खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। समझा जाता है कि कि सिंधिया भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि आज शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। समझा जाता है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्यसभा चुनाव के लिये पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार दोपहर को गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की भी बैठक हुई। इससे पहले, मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिंधिया की बैठक लगभग एक घंटे तक चली। इसके बाद सिंधिया ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया। सिंधिया का इस्तीफा नौ मार्च की तारीख का है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है।
इसके बाद सिंधिया समर्थक प्रदेश सरकार में कांग्रेस के कई मंत्रियों सहित 19 विधायकों ने ई मेल के जरिये राजभवन को अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे भेजा। बाद में कांग्रेस के तीन अन्य विधायकों बिसाहूलाल सिंह, विधायक एंदल सिंह कंषाना तथा देवास की हाटपिपल्या से विधायक मनोज चौधरी ने इस्तीफा दे दिया । कांग्रेस के बागी विधायकों के इस कदम से प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। मध्य प्रदेश में यह राजनीतिक स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। गुणा के पूर्व सांसद के समर्थक विधायकों का कहना है कि सिंधिया अपनी अनदेखी से क्षुब्ध हैं। पिछले काफी समय से सिंधिया और कमलनाथ के बीच खींचतान की खबरें आ रही थी । मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव 26 मार्च को होने हैं जबकि प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च को बुलाया गया है। भाजपा ने आज ही शाम को भोपाल में पार्टी विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक मंगलवार शाम छह बजे आहूत की गई है और भाजपा ने अपने सभी 107 विधायकों को इसमें शामिल होने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें फिलहाल खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने सिंधिया के इस्तीफे पर कहा, “ वह बड़े नेता हैं, सौम्य नेता हैं, अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है।” दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को मंगलवार को पत्र लिखकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति आस्था जताने वाले अपने मंत्रिमंडल के छह मंत्रियों को तत्काल हटाने की सिफारिश की है। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा मंगलवार सुबह को दिल्ली से वापस भोपाल पहुंचे हैं।मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच राज्य के कांग्रेस के करीब डेढ दर्जन बागी विधायक पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु के एक रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए हैं। इससे पहले सोमवार रात को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बैठक करीब दो घंटे चली। समझा जाता है कि इस बैठक में मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा हुई। इससे पहले शिवराज सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात की थी।
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