हेमंत सोरेन सरकार ने 'छात्रवृत्ति घोटाला' की जांच के दिए आदेश, जानिए कैसे हुआ स्कैम ?
रिपोर्ट के मुताबिक 'छात्रवृत्ति घोटाले' के संबंध में अंग्रेजी अखबार ने 6 जिलों के 15 स्कूलों के रिकॉर्ड खंगाले और 30 से ज्यादा छात्रों, अभिभावकों और स्कूल अधिकारियों से बातचीत की।
रांची। झारखंड में 'छात्रवृत्ति घोटाला' सामने आया है और इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने खोजी पत्रकारिता करते हुए एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरीके से डीबीटी यानी की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के साथ हेरफेर की गई। आपको बता दें कि डीबीटी के लिए आधार कार्ड, फिंगर प्रिंट, बैंक खाते की जानकारी और ऑनलाइन डेटाबेस की आवश्यकता होती है।
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सोचिए तकनीकी रूप से इतना मजबूत होने वाले सिस्टम के साथ ही छेड़छाड़ की गई है। तो यह मामला कितना बड़ा हो सकता है। दरअसल, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना 'प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना' में यह घोटाला हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक 'छात्रवृत्ति घोटाले' के संबंध में अंग्रेजी अखबार ने 6 जिलों के 15 स्कूलों के रिकॉर्ड खंगाले और 30 से ज्यादा छात्रों, अभिभावकों और स्कूल अधिकारियों से बातचीत की। रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि यह शर्मनाक है कि यह शर्मनाक है कि पिछली भाजपा सरकार और तत्कालीन कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी सहित नेतृत्व ने हाशिए पर धकेले गए समुदायों के छात्रों की छात्रवृत्ति को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जांच चल रही है और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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क्या है मामला ?
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 2019-20 के लिए 1400 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। जिसके तहत झारखंड को 61 करोड़ रुपए मिले थे। ऐसे में 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने खोजी पत्रकारिता करते हुए एक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रवृत्ति के साथ हेरफेर की बात सामने आई। पाया गया कि छात्रवृत्ति के पैसे निकालने के लिए बिचौलियों, बैंक अधिकारियों, स्कूल अधिकारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों का एक पूरा तंत्र काम कर रहा था। इसके लिए बिचौलियों ने पहले कुछ स्कूलों को अपने साथ मिलाया और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर लॉनइन करने के लिए उनका आईडी पासवर्ड ले लिया। इसके बाद फिर बैंक अधिकारियों की मदद से लाभार्थियों के आधार नंबर, उंगलियों के निशान इत्यादि संबंधी जानकारी एकत्रित कर ली। तत्पश्चात बैंक खाते खुलवाए गए और फिर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया गया।
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रिपोर्ट के मुताबिक कई कर्मचारियों की मिली भगत से छात्रवृत्ति का पैसा हथिया लिया गया और फिर उसका एक छोटा सा हिस्सा लाभार्थियों को दे दिया गया और तो और कई लाभार्थियों के फर्जी अकाउंट बनाकर उनका पूरा पैसा भी हड़प लिया। बता दें कि कई ऐसे मामले भी सामने आए जहां पर एक ही स्कूल के 100 से ज्यादा छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति ले ली गई लेकिन स्कूल और छात्रों को इस बात की भनक तक नहीं लगी है।
उम्रदराज लोगों को मिल रही छात्रवृत्ति
रिपोर्ट के मुताबिक, बिचौलियों ने छात्रवृत्ति योजना से पैसे हड़पने के लिए उम्रदराज लोगों की जानकारी का भी इस्तेमाल किया। अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में बहरातोली इलाके में रहने वाले राशिद अंसारी का भी जिक्र है। जिन्हें छात्रवृत्ति योजना के तहत पैसे मिले है। राशिद अंसारी बताते हैं कि मुझे बताया गया था कि यह पैसा सऊदी अरब की सरकार का था। बिचौलिए से मैंने अपने आधार कार्ड का नंबर और खाते की जानकारी साझा की थी। जिसके बाद मेरी पत्नी और मुझे 10,700 रुपए मिले और हमने इसकी आधी रकम बिचौलिए को दे दी।
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लॉकडाउन की वजह से लिए पैसे
रिपोर्ट के मुताबिक, राशिद अंसारी ने यह पैसे इसलिए लिए थे क्योंकि उनके परिवार में आठ लोग रहते हैं और लॉकडाउन लागू होने के बाद उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिसके चलते उन्होंने यह पैसे ले लिए। यह सिर्फ किसी एक व्यक्ति के साथ नहीं हुआ है। इस मामले में बिचौलियों ने कितने लोगों को निशाना बनाया है इसकी जानकारी तो सरकार द्वारा की जाने वाली जांच रिपोर्ट में सामने आ ही जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि गरीब छात्रों को अच्छी शिक्षा के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति योजना के साथ आखिर घोटाला कैसे हुआ।
It's shameful that the previous @BJP4Jharkhand Govt & it's leadership including the then Welfare Minister @loismarandi'ji didn't take a single step to stop ciphoning of scholarship of students from marginalized communities. Investigation is underway & guilty will not be spared. https://t.co/Jujzdcsg07 pic.twitter.com/L8WOzf4hM0
— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) November 2, 2020
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