केंद्रीय बजट से नाखुश दिखे जम्मू के व्यापारी, सरकार से कर रहे थे राहत की उम्मीद
जम्मू के व्यापारी नाखुश दिखाई दिए। व्यापारियों ने कहा कि हम बजट से कुछ राहत और मुआवजे की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम निराश हैं। हम पिछले तीन साल से बैक-टू-बैक कोरोना लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं, हम केंद्र से कुछ राहत की उम्मीद कर रहे थे लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं है।
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के व्यापारी केंद्रीय बजट से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को आम बजट पेश किया था। इस बजट में जम्मू-कश्मीर को केंद्रीय सहायता, अनुदान और ऋण के तहत 35,581.44 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया।
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प्रभासाक्षी से बात करते हुए जम्मू के व्यापारी नाखुश दिखाई दिए। व्यापारियों ने कहा कि हम बजट से कुछ राहत और मुआवजे की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम निराश हैं। हम पिछले तीन साल से बैक-टू-बैक कोरोना लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं, हम केंद्र से कुछ राहत की उम्मीद कर रहे थे लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, खाने-पीने की चीजों के दाम दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, इसलिए हमें कोई राहत नहीं है।
साल 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का स्वरूप दे दिया था। ऐसे में जम्मू-कश्मीर को 2022-23 के लिए 35,581.22 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जबकि सरकार ने 2021-22 में 34,704.46 करोड़ रुपए आवंटित किया था।
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वहीं लद्दाख के लिए महज 5,958 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। जम्मू कश्मीर के लिए बजट में 33,923 करोड़ रुपए का आवंटन केंद्रीय सहायता के रूप में किया गया है। 273 करोड़ रुपए डल नगीन झील के पुनर्वास के लिए अनुदान के तौर पर और 279 करोड़ रुपए केंद्रशासित प्रदेश आपदा मोचन कोष में अनुदान के रूप में दिए गए हैं।
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