संशय दूर करने के बाद सीएए को लागू किया जाता तो बेहतर होता: मायावती
बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस और आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता।’’
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)- 2019 को लागू करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद सोमवार को कहा कि इस कानून को लेकर लोगों में जो संशय, असमंजस और आशंकाएं हैं, उन्हें दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाता तो बेहतर होता।
बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस और आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता।’’
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केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार को विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 को लागू करने का ऐलान कर दिया ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की जा सके। सीएए के नियम जारी हो जाने के साथ ही अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार इन तीन देशों के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।
केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को, अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसेे लागू किया जाना ही बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) March 11, 2024
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