पैदल घर जा रहे गरीबों, प्रवासी मजदूरों की मदद करना जरूरी: कौशिक बसु
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाकार ने कहा कि हमारी तात्कालिक चिंता वे सैकडों-हजारों लोग हैं, जो इस समय भूख और अत्यंत गरीबी की वजह से संकट में हैं। बेनेट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए बसु ने कहा, ‘‘जो लोग सैकड़ों मील चल रहे हैं, वे सिर्फ अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
नयी दिल्ली। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कौशिक बसु ने कहा है कि यदि हम हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर जा रहे गरीबों और प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं कर पाए, तो यह ‘हमारी विफलता’ होगी। बसु ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज देश को तत्काल आगे बढ़कर इन गरीबों और प्रवासी मजदूरों की मदद करने की जरूरत है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बसु ने कहा कि कोविड-19 से जुड़ी मौजूदा समस्याओं के हल के लिए भारत को अतिरिक्त वित्तीय खर्च करना होगा, बेशक इससे हमारा राजकोषीय घाटा क्यों न बढ़ता हो। उन्होंने कहा कि यह होगा, हमें समझना होगा कि इससे भविष्य में चुनौतियां पैदा होंगी।
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पूर्व मुख्य आर्थिक सलाकार ने कहा कि हमारी तात्कालिक चिंता वे सैकडों-हजारों लोग हैं, जो इस समय भूख और अत्यंत गरीबी की वजह से संकट में हैं। बेनेट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए बसु ने कहा, ‘‘जो लोग सैकड़ों मील चल रहे हैं, वे सिर्फ अपने घर पहुंचना चाहते हैं। वे बड़े समूह में जा रहे हैं, पर अकेले हैं... उनके दिमाग में सिर्फ यह चिंता है कि क्या वे अपने बच्चों-परिवार को फिर देख पाएंगे। यदि हम तत्काल ऐसे लोगों की मदद नहीं कर पाते हैं, तो यह हमारी विफलता होगी। इस समय हमारा ध्यान गरीबों, प्रवासियों और उन श्रमिकों पर होना चाहिए, जो अब नाउम्मीद हो चुके हैं।’’
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बसु ने कहा कि भारत द्वारा उठाए गए नीतिगत कदमों की सफलता- असफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह पैसा कैसे खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा कि आगामी हफ्तों में हमें इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना होगा। इसकी अधिकांश जिम्मेदारी राजकोषीय नीति पर होगी। बसु ने बताया कि मार्च में भारत से 16 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी की निकासी हुई। यह काफी बड़ी राशि है। वैश्विक निवेशक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भारत संभवत: बंद और नियंत्रित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस तरह की आशंकाओं को दूर करना होगा और रिजर्व बैंक को भारतीय मुद्रा में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए कदम उठाना होगा। ’’ बसु ने कहा कि भारत कारोबार सुगमता रैंकिंग में 130 से 63वें स्थान पर आ गया है। ‘‘लेकिन हमें महामारी पर अंकुश के नाम पर नियंत्रित समाज बनाने की गलती से बचना होगा।’’ मूल्यवृद्धि की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में मुद्रास्फीति बढ़ेगी, लेकिन ऐसा सारी दुनिया में होगा।
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