दिल्ली में गूंजा सम्मेद शिखर का मुद्दा, जैन समाज का इंडिया गेट पर मार्च
झारखंड सरकार के खिलाफ दिल्ली में सम्मेद शिखर का मुद्दा गूंजने लगा है। जैन समाज सम्मेद शिखरजी को धार्मिक स्थल घोषित करने की मागं की है। इसे लेकर अब जैन समाज ने आमरण अनशन की भी शुरुआत कर दी है।
जैन समाज के लोग इंडिया गेट के बाहर झारखंड सराकर और केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च कर रहे है। जैन समाज के लोगों का कहना है कि तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित नहीं किया जाना चाहिए। सरकार से इस मांग को लेकर जैन समाज लगातार विरोध कर रहा है। जैन समाज के लोग राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इंडिया गेट पर भारी संख्या में जैन समाज के लोग इकट्ठे हुए है।
दरअसल जैन समाज के लोगों की मांग है कि तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित ना किया जाए। भारी संख्या में जैन समाज के लोग इंडिया गेट पहुंचे है। जैन समाज के लोगों का कहना है कि इसे तीर्थ स्थल घोषित किया जाना चाहिए ना कि पर्यटक स्थल। बता दें कि झारखंड और केंद्र सरकार के विरोध में सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश के अलग अलग राज्यों में जैन समाज के लोगों ने प्रदर्शन का आयोजन किया है।
अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली समेत पूरे देश के कई हिस्सों में जैन समाज के लोग सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने का भारी संख्या में विरोध कर रहे है। जैन समाज का कहना है कि सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित करना और इसी दिशा में इसका विकास करना पूरे जैन समाज के मुंह पर तमाचा है।
जैन समाज का कहना है कि सम्मेद शिखरजी तीर्थंकर की मोक्ष भूमि है। सरकार का ये फैसला इस पवित्र भूमि को अपवित्र करने के उद्देश्य से किया गया है। जैन समाज सम्मेख शिखर, पारसनाथ हिल और मधुवन को इको सेंसिटिव जोन घोषित करने की मांग पर अड़ा है। जैन समाज का कहना है कि पर्यटन स्थल बनाए जाने से सम्मेद शिखर की पवित्रता और अखंडता समाप्त हो जाएगी। जैन समाज ने आरोप लगाया है कि ये कदम सत्ताधारी सरकार ने षडयंत्र के चलते उठाया है।
सरकार का ये कदम पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचार के तुल्य ही है। जैन समाज ने मांग की है कि सरकार इस पवित्र स्थल की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए इसे पर्यटन स्थल बनाए जाने का फैसला वापस ले। जैन समाज के मुताबिक सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद तीर्थराज पर्वत पर सरकार होटल, रेस्टोरेंट, बार आदि बनाकर शराब, मांस-मदिरा की अनुमति देकर जैन समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ करेगी।
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