‘चीन, पाक की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के चलते भारतीय बलों को हमेशा सतर्क रहना होगा’
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) विपिन रावत ने रविवार ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी कोई देश अपने सशस्त्र बलों की उपेक्षा करता है, तो बाहरी ताकतें उसका तेजी से शोषण करती हैं।
नयी दिल्ली| प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) विपिन रावत ने रविवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए भारत के सशस्त्र बलों को हमेशा चौकन्ना रहना होगा और विवादित सीमाओं तथा तटीय क्षेत्रों में तैनाती वर्ष भर रखनी होगी।
सीडीएस ने ‘ऑल इंडिया रेडियो’ में सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल एक उत्कृष्ट दूरदर्शी थे जिन्होंने भारत और चीन के बीच एक ‘बफर देश’ (एक ऐसा छोटा देश जो दो दुश्मन देशों के बीच स्थित होता है और क्षेत्रीय संघर्ष को रोकता है) के रूप में एक स्वतंत्र तिब्बत की आवश्यकता पर जोर दिया था।इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ उनके पत्राचार में देखा जा सकता है।’’
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रावत ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी कोई देश अपने सशस्त्र बलों की उपेक्षा करता है, तो बाहरी ताकतें उसका तेजी से शोषण करती हैं।
उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में, भारत ने इतिहास के इस महत्वपूर्ण सबक की अनदेखी की और सुरक्षा तंत्र गोते लगाने लगा और तभी 1962 में चीन ने देश को हिला कर रख दिया।
उन्होंने कहा, “चीन और पाकिस्तान की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के मद्देनजर भारतीय सशस्त्र बलों को सतर्क रहने और विवादित सीमाओं और तटीय क्षेत्रों में साल भर तैनात रहने की आवश्यकता है।
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