प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत डिजिटल’ क्रांति का नेतृत्व कर रहा है: जितेंद्र सिंह
केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 21वीं सदी की ‘डिजिटल’ क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। ‘ई-शासन’ पर 24वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि भारत दुनिया में ‘डेटा पावरहाउस’ के रूप में उभरा है।
हैदराबाद। केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 21वीं सदी की ‘डिजिटल’ क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। ‘ई-शासन’ पर 24वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि भारत दुनिया में ‘डेटा पावरहाउस’ के रूप में उभरा है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विधायी एवं अन्य उपायों के जरिए से डेटा संरक्षण के लिए सभी कदम उठा रहा है। सम्मेलन का विषय इस बार ‘‘भारत की तकनीक- वैश्विक महामारी के बाद की दुनिया में डिजिटल शासन’’ था।
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इस संबंध में मंत्री ने कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ ने लाखों लोगों, खासकर देश में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सेवाओं तक पहुंच आसान बना दी है। मंत्री ने कहा, चाहे आधार कार्ड, ‘ड्राइविंग लाइसेंस’, जन्म प्रमाण पत्र जारी करना हो...बिजली, पानी के बिल का भुगतान करना हो या आयकर रिटर्न भरना हो...इन सभी कामों को अब ‘डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म’ के माध्यम से तेजी से तथा आसानी से किया जा सकता है। यहां तक कि गांवों में भी, इन सभी चीजों को एक ही केन्द्र पर करना संभव है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) को सभी केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, संबद्ध, अधीनस्थ तथा स्वायत्त निकायों में अपनाया गया। इसके तहत,वर्ष 2021 में 21 लाख से अधिक शिकायतें मिली, जिनमें से 19.95 लाख का निपटान किया गया।
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केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया कि सीपीजीआरएएमएस सुधारों के क्रियान्वयन के साथ 68,000 से अधिक शिकायत अधिकारियों को सीपीजीआरएएमएस प्रणाली के साथ जोड़ा गया और वैश्विक महामारी के दौरान औसतन हर दिन 1.45 शिकायतों का निपटान किया गया। उन्होंने बताया कि सीपीजीआरएएमएस सुधारों को 2022 में अन्य 20 मंत्रालयों/विभागों में भी लागू किया जाएगा। सिंह ने कहा कि ‘आधार’ सक्षम प्रणाली का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक सेवा वितरण, सब्सिडी संवितरण के जरिए सेवाओं को ‘फेसलेस’, ‘पेपरलेस’ और ‘कैशलेस’ बनाने के लिए भी सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
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