वर्ल्ड लीडर बनकर उभरा भारत, कोरोना के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं PM मोदी
प्रधानमंत्री कोरोना महामारी के खिलाफ सरकार की नीतियों को भी खुद ही अंतिम रूप दे रहे हैं। कोरोना महामारी के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीफोन के जरिए दो दर्जन से ज्यादा राष्ट्र अध्यक्षों से बातचीत की है। कोरोना से लड़ाई और रणनीति को लेकर सभी से खुलकर चर्चा की है और कैसे विश्व को इससे महामारी से बचाया जाए इसको लेकर भी रणनीति बनाई गई है।
पूरा विश्व इस वक्त कोरोना महामारी के गंभीर संकट से जूझ रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, स्पेन, कनाडा, फ्रांस जैसे विकसित देशों की हालत खराब है। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महामारी से राहत और बचाव की राह तय करने के लिए भारतीय मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं। इस त्रासदी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व करने के साथ-साथ विश्व के तमाम देशों तक खुद संवाद कर रहे हैं। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व क्षमता का ही कमाल है कि देश में जैसे ही कोरोना ने दस्तक दी, पीएम ने लॉक डाउन करने में देर नहीं लगाई। इसी का नतीजा है कि अभी भी भारत में कोरोना महामारी काबू में है। प्रधानमंत्री कोरोना महामारी के खिलाफ सरकार की नीतियों को भी खुद ही अंतिम रूप दे रहे हैं। कोरोना महामारी के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीफोन के जरिए दो दर्जन से ज्यादा राष्ट्र अध्यक्षों से बातचीत की है। कोरोना से लड़ाई और रणनीति को लेकर सभी से खुलकर चर्चा की है और कैसे विश्व को इससे महामारी से बचाया जाए इसको लेकर भी रणनीति बनाई गई है। पीएमओ सूत्रों ने दावा किया है कि 3 मार्च से लेकर 16 अप्रैल तक प्रधानमंत्री ने औसतन हर दिन एक राष्ट्राध्यक्ष से संपर्क किया है।
इस संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है, अपने कार्य कुशलता का परिचय दिया है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्ध लोगों से कोरोना महामारी को लेकर चर्चा करने के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आकर बातचीत की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने साथ-साथ दूसरे का भी ख्याल रखने की नीति तब सामने आई जब भारत ने सामने आकर सार्क देशों की बैठक की। इस बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही नेतृत्व किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की पूरे विश्व में तारीफ होने लगी। सार्क देशों के सदस्यों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर अपनी सहमति जताई। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 के देशों के प्रमुखों के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व के सामने एक बात जरूर रखा कि आज हमें अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि मानवता पर ध्यान देने की जरूरत है और मानवता के कल्याण के लिए ही नीतियां बनाई जानी चाहिए।The high-level discussions were backed by work on the ground for repatriating French citizens visiting India. Since the suspension of international flights, more than 2,200 travellers have thus been able to return to France: Emmanuel Lenain, Ambassador of France to India https://t.co/CaoF3dYauQ
— ANI (@ANI) April 18, 2020
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प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार नरेंद्र मोदी खुद ही सभी की बातों को सुनते हैं और उस पर अमल करने की कोशिश करते हैं। लॉकडाउन की बात हो या फिर सोशल डिस्टेंसिंग की बात, प्रधानमंत्री ने कई बड़े मुद्दों पर लोगों से रचनात्मक सुझाव लिए है। इस लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम चार संबोधन भी किए हैं। बार्क के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को 20 करोड़ से ज्यादा देशवासियों ने देखा। 30 लाख लोगों ने इसे सुना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिष्ठा के साथ साथ भारत की भी प्रतिष्ठा को गौरवान्वित किया है। तभी तो ब्राजील के राष्ट्रपति ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संकटमोचक करार दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं। फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देश भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें सुन रहा है। यह नेतृत्व का ही कमाल है कि भारत ने 55 देशों को हाइड्रोक्लोरिक दवाई मुहैया कराई है। यह दवाई कोरोना के खिलाफ जंग में बेहद ही कारगर साबित हो रही है। अपने देश के साथ-साथ दूसरे देशों की भी रक्षा करना प्रधानमंत्री ने जरूरी समझा। तभी तो हर देश के राष्ट्राध्यक्ष भारत का गुणगान कर रहे है।
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