भारत की दो टूक, चीन की कार्रवाई का परिणाम है पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध
पूर्वी लद्दाख में मई महीने से ही भारत और चीन की सेनाएं तैनात हैं। दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता की है लेकिन सीमा गतिरोध दूर करने में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये (चीनी) कार्रवाई, भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी पर शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किए गए द्विपक्षीय संबंधों तथा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।’’ उल्लेखनीय है कि चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के लिए बृहस्पतिवार को एक बार फिर भारत को जिम्मेदार ठहराया था। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने चीन के उस बयान का संज्ञान लिया है, जिसमें उसने कहा था कि वह द्विपक्षीय समझौतों का कड़ाई से पालन करता है और सीमा मुद्दे का समाधान वार्ता के जरिए निकालने को प्रतिबद्ध है तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की हिफाजत कर रहा है। हम उम्मीद करते हैं चीनी पक्ष अपनी कही बात के अनुरूप कार्य भी करेगा।’’These actions are in violation of the bilateral agreements and protocol on ensuring peace & tranquillity along LAC in India-China border areas. The core issues, as I mentioned last week remains that both sides need to strictly follow various bilateral agreements & protocols: MEA
— ANI (@ANI) December 11, 2020
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पूर्वी लद्दाख में मई महीने से ही भारत और चीन की सेनाएं तैनात हैं। दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता की है लेकिन सीमा गतिरोध दूर करने में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से संवाद जारी रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि आगे की चर्चा में पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी से लगे टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाए जाने को सुनिश्चित करने के लिए एक परस्पर स्वीकार्य समाधान पर सहमति बनाने में तथा यथाशीघ्र शांति एवं स्थिरता बहाल करने में दोनों पक्षों को मदद मिलेगी।
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