Morbi bridge accident: ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक को अंतरिम जमानत देने से अदालत का इनकार

Morbi bridge accident
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पटेल ने पिछले साल मोरबी शहर में एक झूला पुल टूटने की घटना के पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान करने संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने की मांग की थी, जिसमें 135 लोग मारे गए थे। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी सी जोशी की अदालत ने यहां पटेल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

गुजरात में मोरबी की एक अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल की अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी। पटेल ने पिछले साल मोरबी शहर में एक झूला पुल टूटने की घटना के पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान करने संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने की मांग की थी, जिसमें 135 लोग मारे गए थे। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी सी जोशी की अदालत ने यहां पटेल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिका का राज्य सरकार और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने विरोध किया था।

ओरेवा समूह मच्छू नदी पर अंग्रेजों के समय में बने पुल का संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था। उक्त पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे। समूह का मुख्यालय अहमदाबाद में स्थित है। मामले में गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में से एक हैं। पटेल ने एक याचिका दायर करके 15 से 20 दिनों के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग की थी ताकि गुजरात उच्च न्यायालय के 22 फरवरी के आदेश के अनुसार मृतकों के परिवारों और दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों को मुआवजे के भुगतान करने संबंधी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा सकें। 

उच्च न्यायालय ने कंपनी को प्रत्येक मृतक के परिजनों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को दो लाख रुपये का भुगतान चार सप्ताह के भीतर करने का निर्देश दिया था। मामले में गिरफ्तार 10 आरोपी फिलहाल मोरबी उप-जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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