दिल्ली की वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार: सरकार
मंत्री ने लोकसभा में बताया कि दिल्ली में अच्छे , संतोषजनक और मध्यम दिनों की संख्या 2021 में बढ़कर 197 हो गई, जो 2016 में 108 थी। देश में खराब , बहुत खराब और गंभीर दिनों की संख्या 2021 में घटकर 168 रह गई है जो कि 2016 में 246 थी।
नयी दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है। साल 2016 से 2021 के बीच राजधानी में वार्षिक पीएम 2.5 और पीएम 10 सांद्रता में क्रमश: 22 और 27 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को यह यह जानकारी दी।
मंत्री ने लोकसभा में बताया कि दिल्ली में अच्छे , संतोषजनक और मध्यम दिनों की संख्या 2021 में बढ़कर 197 हो गई, जो 2016 में 108 थी। देश में खराब , बहुत खराब और गंभीर दिनों की संख्या 2021 में घटकर 168 रह गई है जो कि 2016 में 246 थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकाकं (एक्यूआई) को अच्छा, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर माना जाता है।
मंत्री ने कहा दिल्ली के लिए कंटीन्यूअस एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) के आंकड़ों के मुताबिक 2016 के बाद से पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की वार्षिक सांद्रता में गिरावट आई है। पीएम10 और पीएम2.5 की सांद्रता में 2016 और 2021 के बीच 27 और 22 प्रतिशत की गिरावट आई है।
यादव ने कहा, हालांकि विशेष रूप से वायु प्रदूषण के साथ मृत्यु और बीमारी के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा, वायु प्रदूषण सांस की बीमारियों और संबंधित बीमारियों को प्रभावित करने वाले कई कारकों में से एक है।
स्वास्थ्य कई कारकों से प्रभावित होता है जिसमें पर्यावरण के अलावा व्यक्तियों की भोजन की आदतें, व्यावसायिक आदतें, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, चिकित्सा इतिहास, प्रतिरक्षा, आनुवंशिकता आदि शामिल हैं।
भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने सवाल पूछा था कि क्या राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस के रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
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