अगर सत्ता मैं बैठे लोग सत्ता बरकरार रखना चाहते हैं, तो युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते : शरद पवार
यह मार्च राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा, और मुझे यकीन है कि इस युवा संघर्ष यात्रा से परिवर्तन और आपकी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस यात्रा का सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि जिस क्षण आपने इसे (मार्च) शुरू करने का फैसला किया, सरकार ने संविदा भर्ती का निर्णय वापस ले लिया।
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि अगर सरकार में शामिल लोग सत्ता बरकरार रखना चाहते हैं तो वे महाराष्ट्र में ‘युवा संघर्ष यात्रा’ निकाल रहे युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। महाराष्ट्र में युवाओं के सामने आने वाले मुद्दों को सामने लाने के लिए पुणे से नागपुर तक निकाले जा रहे पैदल मार्च ‘युवा संघर्ष यात्रा’ को हरी झंडी दिखाते हुए पवार ने यह बात कही।
मार्च का नेतृत्व राकांपा विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार कर रहे हैं। मार्च में शामिल युवा 800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए 13 जिलों की यात्रा करेंगे। 45 दिवसीय ‘युवा संघर्ष यात्रा’ राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में समाप्त होगी। शरद पवार ने कहा, ‘‘यह मार्च राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा, और मुझे यकीन है कि इस युवा संघर्ष यात्रा से परिवर्तन और आपकी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस यात्रा का सबसे अच्छा उदाहरण यह है कि जिस क्षण आपने इसे (मार्च) शुरू करने का फैसला किया, सरकार ने संविदा भर्ती का निर्णय वापस ले लिया।’’
उन्होंने कहा कि जब तक यह यात्रा नागपुर पहुंचती है, सरकार में शामिल लोग अगर सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं, तो वे उन युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते जो इस यात्रा को शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से निकाल रहे हैं। पवार ने कहा कि अगर सरकार इस तरह (युवाओं के मार्च को नजरअंदाज करना) का दृष्टिकोण अपनाती है, तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। राकांपा नेता ने कहा कि युवाओं की मांगों में यह भी शामिल है कि शैक्षणिक संस्थान अत्यधिक फीस न वसूलें और बच्चों के माता-पिता से ली गई अतिरिक्त फीस वापस करें।
शरद पवार ने कहा, ‘‘अन्य मांगों में स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों और प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्ती, एमपीएससी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जानी चाहिए और छत्रपति संभाजीनगर, सोलापुर, कोल्हापुर और अमरावती जैसे शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों का विकास किया जाना शामिल है।’’ अन्य मांगों में परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाना, (विभिन्न विभागों में) 2,50,000 से अधिक उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करना और छात्रों को दिए गए शिक्षा ऋण पर ब्याज माफ करना शामिल है। शरद पवार ने कहा कि इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए जरूरी है कि सरकार से संवाद हो।
कार्यक्रम में एकत्रित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा पवार ने कहा, ‘‘आप इन सभी मांगों को मुख्यमंत्री को सौंपें और यदि आप चाहें तो मैं युवाओं द्वारा की गई इन सभी मांगों के लिए एक बैठक बुलाने के वास्ते मुख्यमंत्री से बात करूंगा और मैं व्यक्तिगत रूप से आप लोगों के साथ बैठक में उपस्थित रहूंगा।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से इन मांगों पर फैसले की समयसीमा के बारे में पूछा जाएगा और अगर मांगें पूरी हुईं तो मुख्यमंत्री को बधाई दी जाएगी। पवार ने कहा, ‘‘लेकिन, अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
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