मोदी हैं तो टूरिज्म भी मुमकिन है, 45 दिन में ही पहुंचे रिकॉर्ड तोड़ सैलानी

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अभिनय आकाश । Jun 25 2019 5:35PM

केदारनाथ का वो खौफनाक मंजर याद ही होगा जब प्रकृति के कहर से त्राहिमाम कर रही थी देवभूमि। हिमालय की अध्यात्मिक उर्जा, चीड़ व देवदार के घने जंगल और उन्ही के बीच गंगा का आरंभिक चरण।

16 जून 2013 को हुई भीषण तबाही से भक्तों का भगवान और उनके धाम से आस्था के अलावा दर्द का भी रिश्ता बन गया था। देखते ही देखते सब पानी-पानी हो गया था। होटल, सराय, लाज, सड़कें। जिनके सहारे लोग कुदरत को करीब से देखने का हौसला कर पाते हैं। वो सारे सहारे पानी-पानी हो गए थे। पहाड़ों का दरकना, जमीन का खिसकना और बादलों का फटना, ये वो हादसे हैं जो उत्तर काशी के वादियों में हमेशा से होते आए हैं। लेकिन जान-माल का नुकसान इतना पहले कभी नहीं हुआ। पलभर में चमचमाता और इठलाता शहर वीराना हो गया। 

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केदारनाथ का वो खौफनाक मंजर याद ही होगा जब प्रकृति के कहर से त्राहिमाम कर रही थी देवभूमि। हिमालय की अध्यात्मिक उर्जा, चीड़ व देवदार के घने जंगल और उन्ही के बीच गंगा का आरंभिक चरण। कुल मिलाकर एक नैसर्गिक वातावरण सब छिन्न-भीन्न हो गया। लेकिन धीरे-धीरे कुदरत के कहर से ऊबरता शहर और अपनी नैसर्गिक सुदंरता को वापस पाने की जद्दोजहद में लगे केदारनाथ की वादियां फिर से सैलानियों को ललचाने लगी है। 

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2013 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी। लेकिन छह साल बाद अब जाकर आने वालों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा दर्ज किया गया है। इसके पीछे की वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। मोदी तो मोदी हैं और मोदी जैसा कोई नहीं। इस पर भला किसी को क्या ऐतराज हो सकता है। लोकसभा चुनाव में तमाम झंझावतों से जूझते हुए भारत की बागडोर संभालने वाले नरेंद्र मोदी अनायास ही कुछ नहीं करते। 

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लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण का प्रचार खत्म हो गया था। 18 मई 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे, जहां उन्होंने केदारनाथ में मंदाकिनी नदी के ठीक ऊपर 18 हजार फीट पर बनी ध्यान गुफा में 17 घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया था। पीएम मोदी की इस यात्रा को भरपूर मीडिया कवरेज भी मिला था। इस घटनाक्रम के एक महीने बाद एक रिपोर्ट में आए कुछ दिलचस्प आकड़ों पर नजर डालना केदारनाथ के पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के दौरे का असर कहे या कह लें कि सैलानियों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। लेकिन पिछले डेढ़ महीने में 7 लाख से ज्यादा यात्री केदारनाथ आ चुके हैं।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो पिछले 45 दिनों में 7 लाख से ज्यादा सैलानी केदारनाथ पहुंच चुके हैं, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बता दें कि 2013 में आई त्रासदी के बाद से ही कई वर्षों तक केदारनाथ पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी देखी गई थी। उत्तराखंड पर्यटन विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में केदारनाथ में 3.33 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन इसके अगले साल 2014 में यह संख्या घटकर 40 हजार 922 पर सिमट गई थी। लेकिन 2019 में पीएम मोदी के दौरे के बाद तो जैसे केदारनाथ में सैलानी टूट ही पड़े। जिससे राज्य के पर्यटन को भी बेहद फायदा हो रहा है।

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अखबार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में छह महीनों के दौरान 7.32 लाख सैलानी केदारनाथ पहुंचे थे। लेकिन इस साल चार धाम यात्रा शुरू होने के महज 45 दिनों में यह आंकड़ा 7.35 लाख तक पहुंच गया है। बता दें कि चार धाम यात्रा कुल 6 महीनों की होती है, यानी अभी इस आंकड़े में और बढ़ोतरी होगी। उत्तराखंड पर्यटन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार केदारनाथ में इस साल एक दिन में 36 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का भी रिकॉर्ड बना है। बीते 7 जून को तो 36 हजार 179 श्रद्धालु केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंचे थे। प्रधानसेवक की शिवसाधना से आई सैलानियों की भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मोदी है तो मुमकिन है।

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