यदि आंदोलनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग जारी रहा तो हम करारा जवाब देंगे: नाना पटोले
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य में शिंदे सरकार बारसू परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों के साथ जबरदस्ती कर रही है। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
एक ओर स्थानीय लोग रत्नागिरी जिले में बारसू रिफाइनरी परियोजना का पुरजोर विरोध कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर भाजपा के नेतृत्व वाली शिंदे सरकार इस परियोजना को जबरन लोगों के सिर पर थोपने की कोशिश कर रही है। परियोजना का विरोध करने वालों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह के पुलिसिया कार्रवाई का हम कड़ा विरोध करते हैं। यह बात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कही है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी स्थानीय लोगों के पीछे मजबूती से खड़ी है। पटोले ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार लोगों के सिर फोड़ कर, उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर परियोजना को पूरा करने की कोशिश करेगी तो है, तो हम भी सरकार को करारा जवाब देंगे।
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इस संबंध में आगे बोलते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य में शिंदे सरकार बारसू परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों के साथ जबरदस्ती कर रही है। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। शुक्रवार को भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि सरकार को स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए बिना बारसू रिफाइनरी परियोजना पर निर्णय नहीं लेना चाहिए। लेकिन सरकार तानाशाही तरीके से काम कर रही है। अगर सरकार परियोजना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के साथ अन्याय और जुल्म करने के लिए पुलिस बल का प्रयोग जारी रखती है तो कांग्रेस पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटोले ने कहा कि राज्य सरकार ने रत्नागिरी जिले में प्रस्तावित बारसू रिफाइनरी परियोजना के आस- पास की जमीन बहुत कम दरों पर बाहरी और सरकार के करीबी लोगों को दे दी है। अब उसी जमीन को मनमानी दरों पर बेचकर पैसा कमाने का उद्योग शुरू किया गया है। सरकार को कुछ लोगों के हितों के लिए दिल्ली के दबाव में फैसले लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। नाना पटोले ने कहा कि हम लोग बारसू गए हैं और वहां इस परियोजना के समर्थकों के साथ – साथ विरोधियों से चर्चा कर उनके विचार मांगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय लोगों से चर्चा क्यों नहीं कर रही है, जो इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं? बड़ा सवाल यह है कि सरकार चर्चा से क्यों भाग रही है? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शिंदे – फडणवीस सरकार को धैर्यपूर्वक आंदोलनकारियों से बात कर इसका समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदर्शनकारियों के साथ कुछ अनहोनी हुई तो सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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