Prabhasakshi Exclusive: ISI ने खालिस्तानी तत्वों को खड़ा कर कैसे भारत विरोधी अभियान को आगे बढ़ाया?

amritpal singh
ANI

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि जहां तक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की बात है तो उसका तो उसके गठन के दिन से ही पहला उद्देश्य भारत के खिलाफ अभियान चलाना रहा है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार से उसे अच्छी खासी फंडिंग भी मिलती है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी से जानना चाहा कि वर्तमान में जिस तरह से भारतीय मिशनों पर खालिस्तानी तत्व हंगामा कर रहे हैं वह क्या दर्शा रहा है? हमने यह भी जानना चाहा कि क्या अमृतपाल सिंह मामले से पंजाब की कानून व्यवस्था और देश की सुरक्षा के लिए नया खतरा पैदा हो गया है? हमने यह भी जानना चाहा कि आखिर आईएसआई चाहती क्या है और कैसे अपने मिशनों को अंजाम देती है?

इसके जवाब में उन्होंने कहा कि देखा जाये तो पहले कई बार ऐसे वाकये हुए जब विदेशों में किसी संगठन की भारत विरोधी गतिविधियों पर हम सिर्फ शिकायत करते रह जाते थे लेकिन आज परिदृश्य बदल चुका है। विदेशों में भारत विरोधी किसी भी गतिविधि के मामले में पहले कड़े शब्दों में शिकायत की जाती है और अगर बात नहीं सुनी जाती तो ऐसी कार्रवाई कर दी जाती है कि सामने वाला देश तत्काल भारत की ओर से की गयी शिकायतों पर एक्शन लेने लगता है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में लंदन में देखने को मिला कि कैसे खालिस्तानी तत्व हावी होने लगे और भारतीय उच्चायोग पर तिरंगा उतारने का प्रयास किया गया। लेकिन भारतीय अधिकारियों ने तिरंगा नहीं उतरने दिया और आज वहां पहले से बड़ा तिरंगा शान से लहरा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि शुरू में भारतीय उच्चायोग के बाहर हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर ब्रिटिश सरकार अनमनी-सी दिखी लेकिन जब भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के घर के बाहर सुरक्षा घटाई गयी तो तत्काल लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा भी बढ़ाई गयी और स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस भी हंगामा करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए हरकत में आई, ब्रिटिश संसद में यह मुद्दा उठ गया और मंत्रियों को भारतीयों की सुरक्षा का आश्वासन देना पड़ गया।

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ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय उच्चायोग में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों द्वारा की गई तोड़फोड़ का मुद्दा उठा तो नजारा देखने लायक था क्योंकि कई सांसद इसको लेकर चिंतित दिखे। इस दौरान ब्रिटिश सांसदों ने ‘खालिस्तानी चरमपंथियों’ के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। जिसके चलते कैबिनेट मंत्री पेनी मॉरडॉन्ट ने कहा कि हम लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हुई तोड़फोड़ और हिंसक कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं। 

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय रहता है जो ऐसे लोगों की हरकतों के चलते खुद को असुरक्षित भी महसूस कर रहा है। लेकिन असुरक्षा की यह भावना देशप्रेम के आगे कोई महत्व नहीं रखती इसलिए लगातार प्रवासी भारतीय समुदाय के कई समूह ‘इंडिया हाउस’ के बाहर जमा हो रहे हैं और भारतीय मिशन के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक पंजाब की कानून व्यवस्था से जुड़े मामले की बात है तो निश्चित ही अमृतपाल सिंह प्रकरण के चलते उसके लिए चुनौतियां खड़ी हुई हैं लेकिन केंद्र और राज्य सरकार तथा सुरक्षा एजेंसियां मिलकर सब चुनौतियों पर जीत हासिल कर लेंगे। ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि जहां तक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की बात है तो उसका तो उसके गठन के दिन से ही पहला उद्देश्य भारत के खिलाफ अभियान चलाना रहा है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार से उसे अच्छी खासी फंडिंग भी मिलती है साथ ही इस एजेंसी में ऐसे अधिकारियों को रखा जाता है जो भारत के प्रति विरोध की बहुत गहरी भावना रखते हैं।

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