असम में हिमंत बिस्व सरमा ने किया पहला कैबिनेट विस्तार, विभागों में भी फेरबदल

Himanta Biswa Sarma
ANI

अधिकारियों ने कहा कि बरुआ को सार्वजनिक स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता और पर्यटन विभाग दिये गए हैं, जबकि गोरलोसा को बिजली, सहकारी, खान एवं खनिज तथा स्वदेशी एवं आदिवासी आस्था व सांस्कृतिक विभाग सौंपे गए हैं।

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया, जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायकों जयंत मल्ला बरुआ और नंदिता गोरलोसा ने नए मंत्रियों के रूप में शपथ ली। इसके अलावा उन्होंने मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल भी किये, जिसके चलते कुछ पुराने मंत्रियों से महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिये गए। सरमा के मुख्यमंत्री बनने के 13 महीने बाद मंत्रिमंडल में पहली बार विस्तार किया गया है। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने दोनों विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बरुआ और गोरलोसा ने क्रमश: असमिया और अंग्रेजी में शपथ ली। अधिकारियों ने कहा कि बरुआ को सार्वजनिक स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता और पर्यटन विभाग दिये गए हैं, जबकि गोरलोसा को बिजली, सहकारी, खान एवं खनिज तथा स्वदेशी एवं आदिवासी आस्था व सांस्कृतिक विभाग सौंपे गए हैं। 

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सरमा ने विभागों के परिवर्तन को लेकर राज्यपाल जगदीश मुखी को एक पत्र भेजा है , जिसके अनुसार गृह, कार्मिक, लोक निर्माण और अन्य गैर-आवंटित विभाग उनके पास ही रहेंगे। वरिष्ठ मंत्री चंद्र मोहन पटवारी को परिवहन, उद्योग एवं वाणिज्य,कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता जैसे कुछ महत्वपूर्ण विभागों से हटा दिया गया है, लेकिन ऐक्ट ईस्ट नीति मामलों, अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यावरण और वन विभाग उनके पास ही रहेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनके सहयोगी रंजीत कुमार कुमार दास से सार्वजनिक स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग,सचिवालय एवं प्रशासन विभाग वापस ले लिये गए हैं, लेकिन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और सामान्य प्रशासन विभाग उनके पास ही रहेंगे। नए मंत्रियों में, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव बरुआ नलबाड़ी से विधायक हैं, जबकि गोरलोसा हाफलोंग निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। 

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बरुआ कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं और 2011 में पहली बार विधायक चुने गए थे। हालांकि, उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया और 2015 में सरमा के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। गोरलोसा भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुनी गई हैं। इसके साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार में वर्तमान कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 16 हो गई है और कोई राज्य मंत्री नहीं है। साल 2003 में हुए संविधान के 91वें संशोधन के अनुसार किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा के सदस्यों की कुल तादाद के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। असम विधानसभा में विधायकों की संख्या 126 है, लिहाजा मंत्रियों की संख्या 19 हो सकती है।

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