उत्तर-पश्चिम भारत में लू का प्रकोप थमा, पांच दिन तक राहत के आसार
पश्चिमी विक्षोभ की ताजा स्थिति ने लू का प्रकोप झेल रहे उत्तर-पश्चिमी भारत को रविवार को बहुप्रतीक्षित राहत प्रदान की। हालांकि, मध्य भारत और पश्चिमी राजस्थान में झुलासा देने वाली गर्मी का प्रकोप जारी रहने का अनुमान है। यह जानकारी भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को दी।
नयी दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ की ताजा स्थिति ने लू का प्रकोप झेल रहे उत्तर-पश्चिमी भारत को रविवार को बहुप्रतीक्षित राहत प्रदान की। हालांकि, मध्य भारत और पश्चिमी राजस्थान में झुलासा देने वाली गर्मी का प्रकोप जारी रहने का अनुमान है। यह जानकारी भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को दी। पश्चिम विक्षोभ के कारण दक्षिण हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में रविवार दोपहर को बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
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आईएमडी के वैज्ञानिक आरके जेनामणि के मुताबिक आगामी पांच दिनों तक देश के ज्यादातर हिसों में लू नहीं चलने का अनुमान है। जेनामणि ने कहा कि पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों और महाराष्ट्र के विदर्भ को छोड़कर देश के किसी भी हिस्से में आगामी पांच दिनों तक लू चलने के आसार नहीं हैं। पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में रविवार को भी भीषण गर्मी का प्रकोप रहा और बीकानेर में पारा 47.1 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 46.9 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 46.8 डिग्री सेल्सियस और फलोदी में 46.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में ब्रम्हापुरी (46.2 डिग्री सेल्सियस) और चंद्रपुर (46 डिग्री सेल्सियस), और नौगांव (45.5 डिग्री सेल्सियस), राजगढ़ (45.4 डिग्री सेल्सियस) और खजुराहो (45.4 डिग्री सेल्सियस) ने भी भीषण गर्मी का सामना किया।
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आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।’’ सोमवार को विदर्भ, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू चलने की संभावना है। मौसम कार्यालय ने कहा कि अगले चार दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में धूल भरी आंधी, गरज और 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण कम बारिश के कारण उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में 122 वर्षों में सबसे गर्म अप्रैल का अनुभव हुआ, जहां औसत अधिकतम तापमान क्रमशः 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देश में कई स्थानों पर अप्रैल महीने में अब तक का सबसे उच्च तापमान दर्ज किया गया, क्योंकि तेज गर्मी के प्रभाव में पारा 46-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के बांदा में शुक्रवार को अप्रैल का रिकॉर्ड उच्च तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, झांसी और लखनऊ, हरियाणा के गुरुग्राम और मध्य प्रदेश के सतना में अप्रैल का अब तक का सबसे अधिक तापमान क्रमश: 46.8 डिग्री सेल्सियस, 46.2 डिग्री सेल्सियस, 45.1 डिग्री सेल्सियस, 45.9 डिग्री सेल्सियस और 45.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 43.5 डिग्री सेल्सियस के साथ दिल्ली में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को 12 साल में अप्रैल का सबसे अधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। शनिवार को दिल्ली के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मौसम केंद्र में अधिकतम तापमान 47.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।भीषण गर्मी के बीच भारत में बिजली की मांग शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। लू चलने की घोषण तब की जाती है जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहता है।
आईएमडी के अनुसार यदि सामान्य ताप से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान है, तो ‘प्रचंड लू’ की घोषणा की जाती है। निरपेक्ष रूप से रिकॉर्ड किए गए तापमान के आधार पर लू चलने की घोषणा तब की जाती है जब कोई अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है। यदि अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है तो भी ‘प्रचंड लू’ की घोषणा की जाती है। आईएमडी ने 122 साल पहले रिकॉर्ड रखना शुरू किया, लेकिन 71 प्रतिशत बारिश की कमी के बीच भारत में इस साल सबसे गर्म मार्च दर्ज किया गया।
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