Yes Milord: Gyanvapi के बाकी तहखानों की भी ASI सर्वे की मांग, संविधान की प्रस्तावना से हटेगा पंथनिरपेक्ष शब्द? जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 10 2024 12:52PM

05 जनवरी से 10 फरवरी 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। संविधान की प्रस्तावना से 'पंथनिरपेक्ष' सहित ये दो शब्द हटाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग न करने पर यूपी सरकार को फटकारा है। सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST रिजर्वेशन रिव्यू पर फैसला सुरक्षित रखा है। ज्ञानवापी मस्जिद में बचे हुए सभी तहखानों के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की गई है। इस सप्ताह यानी 05 जनवरी से 10 फरवरी 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे। 

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संविधान की प्रस्तावना से 'पंथनिरपेक्ष' सहित ये दो शब्द हटाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या संविधान को अपनाने की तारीख 26 नवंबर 1949 में बदलाव किए विना 'प्रस्तावना' में संशोधन किया जा सकता है। सुब्रमण्यन स्वामी ने 'समाजवादी' और और 'पंथनिरपेक्ष' शब्दों को हटाने की अपील की है। कोर्ट ने कहा कि तारीख बदलने की जरूरत नहीं पड़ती, तो प्रस्तावना में संशोधन करने में कोई समस्या नहीं है। 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' शब्द 1976 में इंदिरा सरकार द्वारा पेश संविधान संशोधन के तहत प्रस्तावना में शामिल हुए थे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया। इस दौरान जस्टिस दत्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रस्तावना में बदलाव नहीं हो सकता है। लेकिन, एक अकैडमिक सवाल है कि 1976 में 42वें संशोधन के जरिये सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द जोड़ा गया था तो क्या यह बदलाव 26 नवंबर 1949 के तारीख को बरकरार रखते हुए बदलाव किया जा सकेगा? 

थप्पड़ मामले में SC बोला, काउंसलिंग क्यों नहीं हुई

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को उन छात्रों की काउंसलिंग नहीं करने के लिए फटकार लगाई, जिन्हें उनकी स्कूल टीचर ने कथित तौर पर एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था। अदालत ने पाया कि यूपी सरकार ने उसके निर्देशों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा, हमने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की लेटेस्ट रिपोर्ट का अध्ययन किया है। उस घटना के गवाह सभी छात्रों की काउंसलिंग की बात कही गई है लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया है।

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राज्यों को SC-ST में सब कैटिगरी बना कोटा देने का हक है? 

सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक बेंच ने इस बात का परीक्षण शुरू किया है कि राज्य सरकारें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर उप-वर्ग बनाकर रिजर्वेशन का लाभ दे सकती हैं या नहीं। इस मामले में कुल 23 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने साल 2004 के फैसले में एससी-एसटी के भीतर उप-जाति को तरजीह देने को गलत बताया था। पंजाब सरकार ने 2006 में कानून बनाकर एससी-एसटी कोटे में उप- वर्ग बनाने की कोशिश की थी, पर हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 2004 वाले फैसले के आधार पर उसे खारिज कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। 

मंदिर में सात साल की बच्ची से रेप के दोषी को 30 साल कैद

सात साल की बच्ची से मंदिर में रेप के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 साल कैद की सजा सुनाई गई है। मध्य प्रदेश में 2018 की इस घटना में आरोपी शख्स को हाई कोर्ट ने दोषी करार दिया था, जिस फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस घटना के बाद विक्टिम के मन में डर बैठ गया होगा। जब भी मंदिर जाएगी उसे उस दुर्भाग्यपूर्ण और भयानक घटना की याद आएगी। इस घटना के कारण उस बच्ची के भविष्य पर भी असर हो सकता है। पीड़िता की दादी ने 40 साल के आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोपी शिकायती महिला का रिश्तेदार था। आरोप के मुताबिक, आरोपी लड़की को अपने साथ मंदिर में ले गया और वहां उससे रेप किया। 

ज्ञानवापी के सभी तहखानों के सर्वे को अर्जी

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के बंद तहखानों का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से सर्वे कराने की याचिका पर मंगलवार को प्रभारी जिला जज अनिल कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष को सुना। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के कारण सभी पक्षकारों की सहमति से सुनवाई के लिए अगली तारीख 15 फरवरी तय की। केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने कहा कि ASI सर्वे में ज्ञानवापी के आठ में से दो तहखाने बंद मिले हैं। 

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