सरकार रक्षा विनिर्माण में निवेश आकर्षित करने के लिए और कदम उठाएगी: राजनाथ
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे में पिनाक रॉकेट और टी-90 टैंकों के उत्पादन के लिए उन्नत सुविधाएं और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा एंटी-टारपीडो रक्षा प्रणाली का निर्माण और परीक्षण शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, हम स्वदेशीकरण, रक्षा ढांचे में निवेश और रक्षा विनिर्माण क्षमता में विस्तार के लिए और अधिक कदम उठाएंगे। इन कदमों से भारतीय रक्षा उद्योग के लिए बड़े अवसर पैदा होंगे।’’ सिंह ने इस डिजिटल कार्यक्रम में कई डीपीएसयू में नयी इकाइयों का उद्घाटन किया जिसका मकसद विभिन्न हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने के लिए अपनी मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाना है। उन्होंने कहा, ‘‘101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। नकारात्मक वस्तुओं की इस सूची में न केवल छोटी वस्तुएं हैं बल्कि उच्च और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी वाली हथियार प्रणालियां भी हैं। जल्दी ही इस सूची में और भी ऐसी चीजें जोड़ी जाएंगी जिससे आयात में करोड़ों रुपये बच सकेंगे।’’ सिंह ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर होने का अर्थ कभी भी अपने आप को दुनिया से अलग करना नहीं रहा है। मुझे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक बयान याद है। उन्होंने स्वदेशी के संदर्भ में कहा कि नाव चलाने के लिए पानी जरूरी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पानी इतना ज्यादा हो कि नाव ही डूब जाए।’’Attended the inaugural session of ‘Atmanirbharta Saptah’ via VC facility today. The govt. has made serval timely and thoughtful interventions during Covid-19 times like issuing negative list for import, increase in FDI limits and separate budget for domestic capital procurement. pic.twitter.com/cadpzmjb2j
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 10, 2020
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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे में पिनाक रॉकेट और टी-90 टैंकों के उत्पादन के लिए उन्नत सुविधाएं और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा एंटी-टारपीडो रक्षा प्रणाली का निर्माण और परीक्षण शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के एक नए औद्योगिक डिजाइन केंद्र का भी उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डिजाइन केंद्र भारत में अपनी तरह का पहला केंद्र है जो औद्योगिक डिजाइन में वैश्विक मानक स्थापित करने के लिए विकासात्मक रणनीतियों के एक भाग के रूप में औद्योगिक डिजाइन और मानवीय कारकों के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करता है। मंत्रालय ने कहा कि प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने वायुसेना को 500 वां एएल-31एफपी इंजन सौंपा जो उसके सबसे घातक लड़ाकू विमान एसयू-30एमकेआई में लगे हैं।
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