राज्य सरकारों से मायावती ने की अपील, कहा- प्रवासी मजदूरों को भरपेट भोजन कराएं

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बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि केन्द्र व सभी राज्य सरकारें, कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाने के साथ-साथ खासकर लाचार लाखों गरीब मजदूर प्रवासियों को पेट भर खाना उपलब्ध करायें वरना भूख से तड़पते ये लोग कैसे अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर घातक कोरोना बीमारी से बच पायेंगे

नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र और राज्य सरकारों से मांग की है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिये उन्हें भरपेट भोजन मुहैया कराया जाये ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे। मायावती ने सोमवार को केन्द्र और राज्य सरकारों से यह मांग करते हुये कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिये इसके परीक्षण का दायरा बढ़ाने का सुझाव भी दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केन्द्र व सभी राज्य सरकारें, कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाने के साथ-साथ खासकर लाचार लाखों गरीब मजदूर प्रवासियों को पेट भर खाना उपलब्ध करायें वरना भूख से तड़पते ये लोग कैसे अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर घातक कोरोना बीमारी से बच पायेंगे?’’ 

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उन्होंने सरकार से गरीब मजदूरों को भूख से बचाने के लिये पूछा, ‘‘सरकारी गोदामों का गल्ला आखिर किस दिन काम आएगा?’’ मायावती ने लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न इलाकों में फंसे प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न की समस्या से बचाने के लिये राज्य सरकारों को इन्हें सुरक्षित इनके घरों तक पहुंचाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे बेहतर तो यही होगा कि सरकारें, लॉकडाउन से पीड़ित इन लाखों मज़लूम व मजबूर लोगों की जल्दी से जल्दी उचित व्यवस्था करके इन्हें इनके घरों में सुरक्षित भिजवाये।’’ मायावती ने बसपा की इस मांग को भी दोहराया कि प्रवासी मजदूरों को जीवन यापन के लिए फौरी तौर पर इनकी कुछ आर्थिक मदद भी जरूर की जाये। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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