बोर्ड परीक्षाओं पर सरकार का बड़ा फैसला, साल में दो बार होगी आयोजित, 11वीं-12वीं में पढ़ाई जाएंगी दो भाषाएं
MoE के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, कक्षा 11, 12 के छात्रों को अब दो भाषाएँ पढ़नी होंगी जिनमें से एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। इसके अलावा, कक्षा 11,12 में विषयों का विकल्प स्ट्रीम (जैसे कला, विज्ञान और वाणिज्य) तक सीमित नहीं होगा और छात्रों के पास तदनुसार चयन करने का विकल्प होगा।
शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जारी अपने नए पाठ्यक्रम ढांचे में घोषणा की है कि बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार आयोजित की जाएंगी और छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि नए पाठ्यक्रम की रूपरेखा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप तैयार की गई है और 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जा रही हैं। MoE के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, कक्षा 11, 12 के छात्रों को अब दो भाषाएँ पढ़नी होंगी जिनमें से एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। इसके अलावा, कक्षा 11,12 में विषयों का विकल्प स्ट्रीम (जैसे कला, विज्ञान और वाणिज्य) तक सीमित नहीं होगा और छात्रों के पास तदनुसार चयन करने का विकल्प होगा।
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परीक्षाएं साल में दो बार होंगी
शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी, छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी। शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी। शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षाओं में पाठ्य पुस्तकों को कवर करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा, पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे।
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शिक्षा मंत्री का बयान
इससे पहले राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा निरीक्षण और NCTC समिति की संयुक्त कार्यशाला पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्तूरी नंदन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम तैयार किया है। उन्होंने सरकार को सौंप दिया। सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दे दिया। एनसीईआरटी ने दो समितियां बनाई हैं, राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक समिति (NCTC)। हम उम्मीद करते हैं कि ये दोनों समितियां 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप और मौलिक भारतीय सोच पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करेंगी।
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