नितिन देसाई आत्महत्या मामले में ईसीएल फाइनेंस, एडलवाइस ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
उनकी कंपनी एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 और 2018 में ईसीएल फाइनेंस से दो ऋणों के माध्यम से 185 करोड़ रुपये उधार लिए थे और पुनर्भुगतान को लेकर परेशानी जनवरी 2020 से शुरू हुई। ईसीएल फाइनेंस एक अग्रणी एनबीएफसी है, जो एडलवाइस ग्रुप द्वारा प्रवर्तित है।
महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस ने मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में शुक्रवार को ईसीएल फाइनेंस और एडलवाइस ग्रुप के अधिकारियों सहित पांच लोगों के खिलाफ अपाराधिक मामला दर्ज किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नितिन देसाई की पत्नी नेहा देसाई की शिकायत के आधार पर खालापुर थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (समान इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायत में नेहा देसाई ने आरोप लगाया गया है कि उनके पति को उनकी कंपनी द्वारा लिए गए ऋण के संबंध में बार-बार मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था और इस कारण से उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्राथमिकी में एडलवाइस के चेयरमैन राशेष शाह, कंपनी के अधिकारी स्मित शाह, केयूर मेहता नामक एक अन्य व्यक्ति, एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के आर के बंसल और एनसीएलटी द्वारा अंतरिम समाधान पेशेवर के रूप में नियुक्त किए गए जितेंद्र कोठारी के नाम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आरोपियों को जांच में शामिल होने के लिए कहा जाएगा। नेहा देसाई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि राशेष शाह और अन्य ने ऋण की वसूली के लिए देसाई को ‘‘यातना दी और मानसिक रूप से परेशान किया’’। पुलिस अधिकारी ने कहा कि नेहा देसाई ने वॉयस नोट्स सुनने के बाद शिकायत दर्ज कराई, जिसे उनके पति ने कथित तौर पर आत्महत्या करने से पहले रिकॉर्ड किया था। नेहा देसाई ने शिकायत में आरोप लगाया कि शाह ने उस स्टूडियो को हड़पने की कोशिश की, जिसे उनके पति ने कड़ी मेहनत से बनाया था। उन्होंने दावा किया कि शाह ने उनकी कॉल का जवाब नहीं दिया और ‘‘ईओडब्ल्यू, एनसीएलटी, डीआरटी की मदद से’’ नितिन देसाई को परेशान किया। प्राथमिकी के अनुसार, नितिन देसाई ने कथित तौर पर अपने ऑडियो नोट्स में उल्लेख किया है, ‘‘शाह ने सहयोग नहीं किया, हालांकि दो या तीन निवेशक थे जो स्टूडियो में निवेश करने के लिए तैयार थे।’’ देसाई ने कथित तौर पर ऑडियो रिकॉर्डिंग में कहा, ‘‘इन लोगों द्वारा एक मराठी कलाकार की हत्या की जा रही है। वे एक साजिश रच रहे हैं, मुझे दबा रहे हैं और मुझे खत्म कर रहे हैं।’’ नेहा देसाई की शिकायत के अनुसार, राशेष शाह ने 2016 में उनसे संपर्क किया और उन्हें ऋण की पेशकश की।
जिस जमीन पर स्टूडियो खड़ा है, वह जमीन देसाई द्वारा लिए गए दो ऋणों के एवज में कंपनी के पास गिरवी रखी गई थी। नेहा देसाई ने दावा किया कि देसाई समय-समय पर ऋण राशि चुका रहे थे लेकिन अप्रैल 2019 में ईसीएल फाइनेंस ने छह महीने की अग्रिम किस्त की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके पति ने पुनर्भुगतान की व्यवस्था करने के लिए पवई (मुंबई) में हीरानंदानी योजना में अपना कार्यालय बेच दिया। नेहा देसाई ने शिकायत में कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान फिल्म की शूटिंग बंद हो गई, जिससे व्यवसाय प्रभावित हुआ और पुनर्भुगतान में देरी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति ऋण के एकमुश्त निपटान के लिए तैयार थे लेकिन आरोपी ने उनके प्रस्तावों का जवाब नहीं दिया। इस बीच, एडलवाइस एआरसी ने देर शाम एक बयान में इस बात से इनकार किया कि उसने पुनर्भुगतान के लिए देसाई पर कोई अनुचित दबाव डाला था। इसमें आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा निर्देशित प्रक्रिया का पालन किया गया।
‘जोधा अकबर’, ‘लगान’ जैसी फिल्मों और टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का भव्य सेट तैयार करने वाले कला निर्देशक नितिन देसाई (57) बुधवार को रायगढ़ जिले के कर्जत में अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाए गए। देसाई की कंपनी ने कर्जदाताओं को 252 करोड़ रुपये का ऋण चुकाने में चूक की थी और राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण की मुंबई पीठ ने इसके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की थी। उनकी कंपनी एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 और 2018 में ईसीएल फाइनेंस से दो ऋणों के माध्यम से 185 करोड़ रुपये उधार लिए थे और पुनर्भुगतान को लेकर परेशानी जनवरी 2020 से शुरू हुई। ईसीएल फाइनेंस एक अग्रणी एनबीएफसी है, जो एडलवाइस ग्रुप द्वारा प्रवर्तित है।
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