राहुल और कमलनाथ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराएं किसान: कमल पटेल
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने कर्ज माफी के नाम पर मध्यप्रदेश के किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। जिन किसानों को कर्ज मुक्ति के प्रमाण पत्र मिले उनका भी कर्ज माफ नहीं हुआ है।
भोपाल। मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मंगलवार को प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि धोखाधड़ी के शिकार हुए किसानों को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के साथ-साथ अदालत में याचिका दायर करनी चाहिए। कांग्रेस ने 2018 मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के किसानों से वादा किया था कि प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर उनका दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। चुनावी रैलियों में इस आशय की घोषणा पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वयं की थी।
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पटेल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस ने कर्ज माफी के नाम पर मध्यप्रदेश के किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। जिन किसानों को कर्ज मुक्ति के प्रमाण पत्र मिले उनका भी कर्ज माफ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी का शिकार हुए किसानों को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ भादंवि की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत प्रकरण दर्ज कराने थाने जाना चाहिए तथा अदालत में इस्तगासा दायर करना चाहिए। पटेल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर 10 दिन में किसानों के दो लाख रूपये तक के कर्ज माफ करने का वादा किया था लेकिन दो लाख रूपये कर्ज वाले एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि कर्ज माफी के नाम पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किसानों की संस्था सहकारी बैंक को बर्बाद कर दिया। पटेल ने बताया कि अधिकार नहीं होने के बाद भी सहकारी बैंक के प्रशासकों से आधा कर्ज वहन करने के प्रस्ताव मंगा लिए गए, लेकिन कर्ज माफ नहीं हुआ और किसान डिफॉल्टर हो गए। किसानों की संस्थाएं कर्ज देने की स्थिति में नहीं बची हैं इसलिए किसानों को कर्ज नहीं मिल पा रहा। उन्होंने इस स्थिति के लिये पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों से धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए आगे आने का आह्वान किया। पटेल ने बताया कि तब मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमलनाथ ने 48 लाख किसानों के 54,000 करोड़ रुपये के कर्जमाफी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और मुख्य सचिव ने आदेश भी जारी कर दिए।
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उन्होंने बताया कि जिन किसानों को कर्ज मुक्ति के प्रमाण पत्र मिले हैं उनका भी कर्ज माफ नहीं हुआ है। यह किसानों के साथ धोखाधड़ी है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता। हालांकि, मध्यप्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रकोष्ठ प्रभारी जे पी धनोपिया ने पटेल के इन सारे आरोपों का खारिज करते हुए कहा कि कमलनाथ की तत्कालीन सरकार ने 22 लाख उन किसानों का कर्जा माफ कर दिया था, जिन पर एक लाख रूपये तक का कर्ज था और सरकार दो लाख रूपये तक कर्ज वाले किसानों का भी कर्ज माफ करने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही सरकार गिर गई।
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