Quad देशों ने China के खिलाफ अपनाया सख्त रुख, मंच की वार्षिक बैठक में भाग लेने भारत आ सकते हैं Joe Biden
जयशंकर ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर संदेश यह है कि हम चारों लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्थाओं वाले देश एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत, नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।''
भारत समेत ‘क्वाड’ के सदस्य देशों ने सोमवार को स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत को लेकर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि किसी भी देश को दूसरे देश पर हावी नहीं होना चाहिए तथा प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन किया जाना चाहिए। ‘क्वाड’ के इस बयान को चीन के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है। बैठक में ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों ने स्वतंत्र एवं खुली नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और राष्ट्रों की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करने का भी आह्वान किया। हम आपको बता दें कि इस बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने हिस्सा लिया।
बयान में मंत्रियों ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय शांति, स्थिरता एवं समृद्धि में योगदान देने में सभी देशों की भूमिका है। हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं, जिसमें किसी देश का प्रभुत्व न हो और कोई देश किसी अन्य देश पर हावी न हो, प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन जिम्मेदारी से किया जाए, हर देश सभी प्रकार के दबाव से मुक्त हो और अपने भविष्य को खुद निर्धारित कर सके।’’ क्वाड ने स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में काम करने का भी संकल्प लिया। इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में चीन की सैन्य मौजूदगी में वृद्धि देखी गई है।
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मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम एक ऐसे स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘क्वाड’ की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जो समावेशी और लचीला हो। हम स्वतंत्रता, मानवाधिकारों, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति अपने मजबूत समर्थन के साथ स्वतंत्र और खुली नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता को लेकर एकजुट हैं।''
जहां तक इस सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबोधन की बात है तो हम आपको बता दें कि उन्होंने कहा कि ‘क्वाड’ एक ऐसे स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत और नियम आधारित व्यवस्था के लिए काम कर रहा है, जो अनिश्चित एवं अस्थिर दुनिया को स्थिर करने वाला अपने आप में एक शक्तिशाली कारक है। जयशंकर ने ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘क्वाड’ केवल बातचीत करने का मंच नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है, जो व्यावहारिक परिणाम पैदा करता है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत संबंधी हमारी बातचीत हमारी नौसेनाओं के बीच समझ और मानक संचालन प्रक्रियाओं में प्रतिबिंबित होती है। ‘क्वाड’ से शुरू हुई ‘हिंद प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता’ पहल आज सूचना एकत्र करने वाले केंद्रों को जोड़ती है। ‘ओपन-आरएएन’ ( रेडियो एक्सेस नेटवर्क), जिसके बारे में हमने बहुत बात की है, पलाऊ में तैनात किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही अंतरिक्ष आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। हिंद प्रशांत में ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में संचालित की जा रही हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर संदेश यह है कि हम चारों लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्थाओं वाले देश एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत, नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह अनिश्चित एवं अस्थिर दुनिया को स्थिर करने वाला अपने आप में एक शक्तिशाली कारक है।’’
हम आपको बता दें कि भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नयी रणनीति विकसित की जा सके। दक्षिण चीन सागर हिंद और प्रशांत महासागरों के बीच स्थित है। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर दावा जताता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र को अपना हिस्सा बताते हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिका के ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा है कि जो बाइडन भारत में इस साल होने वाले ‘क्वाड’ देशों के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘व्हाइट हाउस’ के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने पिछले सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इस साल वहां होने वाले ‘क्वाड’ नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अब भी प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस संबंध में अभी कैलेंडर पर कुछ भी निर्धारित नहीं किया गया है।’’
हम आपको याद दिला दें कि ‘क्वाड’ बाइडन की पहल है और ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत एवं अमेरिका इसके सदस्य देश हैं। बाडइन ने वर्ष 2020 में राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन में ‘क्वाड’ देशों के नेताओं का एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। तब से ‘क्वाड’ नेता बारी-बारी से वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करते रहे हैं। इस वर्ष भारत शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
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