Sudan के बिगड़ते हालात के बीच Jaishankar ने UN Chief से की मुलाकात, India का Emergency Plan तैयार
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से भारत की जी20 अध्यक्षता और यूक्रेन युद्ध सहित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। संरा महासचिव के साथ हुई मुलाकात को ‘बेहद शानदार’ बताते हुए जयशंकर ने कहा कि “मुझे महसूस हुआ कि मेरा संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलना बहुत जरूरी है।”
सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित तरीके से निकालने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सूडान के लगातार बिगड़ते हालात पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से चर्चा की है। जयशंकर ने कहा है कि वास्तव में हमारा पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि कूटनीतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से जमीनी स्तर पर एक व्यावहारिक युद्ध-विराम कैसे लागू कराया जाए। विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से भारत की जी20 अध्यक्षता और यूक्रेन युद्ध सहित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। संरा महासचिव के साथ हुई मुलाकात को ‘बेहद शानदार’ बताते हुए जयशंकर ने कहा कि सूडान में लड़ाई शुरू होने के बाद “मुझे महसूस हुआ कि मेरा संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलना बहुत जरूरी है।” उन्होंने कहा, “हमारी मुलाकात मुख्यत: सूडान के हालात पर केंद्रित थी। हालांकि, हमने जी20 और यूक्रेन युद्ध पर भी कुछ देर चर्चा की।” विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सूडान युद्ध-विराम लागू कराने के “प्रयासों के केंद्र में है।” उन्होंने कहा, “और यह वास्तव में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय, जब तक युद्ध-विराम नहीं लागू होता है और जब तक निकासी गलियारे नहीं स्थापित किए जाते हैं, तब तक लोगों को बाहर निकालना वाकई सुरक्षित नहीं है।”
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत हिंसा प्रभावित सूडान में उभरती स्थिति पर बेहद करीबी नजर रखे हुए हैं, जहां लड़ाई जारी है और स्थिति तनावपूर्ण है तथा भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, मिस्र सहित विभिन्न देशों के साथ करीबी समन्वय कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, ''चार-पांच दिनों के बाद भी संघर्ष कम नहीं हुआ है, लड़ाई जारी है और स्थिति तनावपूर्ण है। ऐसे में हम भारतीयों से आग्रह करते हैं कि वे जहां हैं, वहीं पर रहें और बाहर न निकलें।’’ उन्होंने कहा, ''हम सूडान के घटनाक्रम पर बेहद करीबी नजर रख रहे हैं। सूडान में भारतीय दूतावास औपचारिक, अनौपचारिक माध्यम से भारतीय समुदाय के साथ सम्पर्क में है।’’ बागची ने कहा कि हम अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र जैसे देशों के साथ सम्पर्क में है।
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सूडान से भारतीयों की निकासी के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि हमारे पास हमेश आपात योजना रहती है, कुछ योजनाओं को लेकर काम किया जा रहा है, लेकिन यह जमीनी स्थिति पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि अभी स्थिति यह है कि सड़कों पर लड़ाई चल रही है, स्थिति बेहद तनावपूर्ण है और इस समय लोगों की आवाजाही जोखिम भरी होगी। एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सूडान में भारतीय दूतावास हवाई अड्डे के काफी करीब है और इस क्षेत्र में गोलीबारी एवं हमले जारी हैं। उन्होंने कहा कि दूतावास खुला है, काम कर रहा है लेकिन यह ऐसे क्षेत्र में है जहां लड़ाई बहुत ज्यादा हो रही है। बागची ने कहा कि खार्तूम में भारतीय दूतावास लोगों से सम्पर्क करने के लिए काफी प्रयास कर रहा है ताकि उनका डाटाबेस तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां बिजली का संकट है, इंटरनेट की समस्या है, हम लोगों की परेशानियां समझते हैं और पूरा प्रयास कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि वहां कितने भारतीय हैं और कहां हैं, इसके बारे में सुरक्षा कारणों से अधिक जानकारी नहीं दे सकते।
हम आपको यह भी बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिंसाग्रस्त सूडान की स्थिति पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की थी और भारतीयों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक सहयोग देने का भरोसा दिया था। सूडानी सेना और एक प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल के बीच पिछले सप्ताहांत में शुरू हुए संघर्ष के बाद से वहां अभी तक सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि आवाजाही सुरक्षित हो और लोग जहां कहीं भी हों, सुरक्षित हों तथा विदेश मंत्रालय और खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सूडान में अहम भूमिका है और भारत उसी के अनुसार उनसे बातचीत कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम कर रहा है, जिसकी सूडान में उल्लेखनीय उपस्थिति है। उन्होंने बताया कि वाशिंगटन में भारतीय राजदूत और लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त सूडान की स्थिति को लेकर संबंधित सरकारों के साथ सम्पर्क में हैं। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने सूडान की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए सूचना एवं सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।
इस बीच, सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच भीषण लड़ाई के कारण वहां फंसे कई भारतीयों के चिंतित परिजन अपने रिश्तेदारों के बारे में किसी जानकारी की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही चिंतित परिजनों ने सरकार से अपील की है कि संकटग्रस्त अफ्रीकी देश में फंसे लोगों को निकालने की व्यवस्था की जाए।
हम आपको यह भी बता दें कि सूडान में करीब 4,000 भारतीय हैं जिनमें करीब 1200 लोग सूडान में बस गए थे और वे वहां करीब 150 वर्षों से हैं। अन्य प्रवासी भारतीय सूडान में पेशेवरों के रूप में काम कर रहे हैं, वहीं कुछ भारतीय संयुक्त राष्ट्र मिशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में काम कर रहे हैं।
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