Voting on One Nation One Poll Bill: बिल को स्वीकार करने को लेकर दोबारा हुई वोटिंग, पक्ष में 269 वोट, विरोध में पड़े 198, अब 'मिनी संसद' में होगी चर्चा
लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल ने इसके बाद सदस्यों को पूरी प्रक्रिया बताई। आपको बता दें कि बिल को पास कराने या खारिज करने के लिए नहीं बल्कि बिल को रखा जाए या नहीं इसके लिए वोटिंग हुई है।
लोकसभा में एक देश एक चुनाव बिल पर वोटिंग हुई। नई संसद में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से वोटिंग हुई। 269 वोट बिल को पेश करने के पक्ष में पड़े। जबकि 198 वोट इसके खिलाफ पड़े हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनको ऑब्जेक्शन है तो पर्ची दे दीजिए। इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग के बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि बटन अगर गलत दब गया है तो वो पर्ची के जरिए वोट दोबारा कर सकते हैं। लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल ने इसके बाद सदस्यों को पूरी प्रक्रिया बताई। आपको बता दें कि बिल को पास कराने या खारिज करने के लिए नहीं बल्कि बिल को रखा जाए या नहीं इसके लिए वोटिंग हुई है। 48 घंटे पहले सभी सदस्यों को बताना होता है कि बिल को कंस्डिरेशन के लिए सरकार लेकर आ रही है। संविधान संशोधन के लिए हाउस संख्या 50 % होना चाहिए और सदन में मौजूद सांसदों की एक तिहाई संख्या चाहिए होती है। बिल को जेपीसी में भेजा जाएगा, जिसे मिनी संसद भी कहा जाता है। जेपीसी में इस बिल पर चर्चा होगी।
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लोकसभा में अमित शाह ने कहा जब वन नेशन, वन इलेक्शन बिल कैबिनेट में आया तो पीएम मोदी ने कहा कि इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा जाना चाहिए। इस पर हर स्तर पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। विधेयक को पेश करने की विपक्ष ने तीखी आलोचना की, जिसमें एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले, कांग्रेस के मनीष तिवारी, तृणमूल के कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव और डीएमके के टीआर बालू जैसे नेताओं ने हमले का नेतृत्व किया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के मूल ढांचे को चुनौती देता है।
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