राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने कहा- आप आज जो कर रहे हैं, उसे कल से बेहतर कीजिए

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भारतीय उद्योग जगत से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को लाने पर ध्यान केंद्रित करने और अपने कर्मचारियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का आह्वान किया ताकि देश की विकास यात्रा को आगे ले जाया जा सके।

 नयी दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भारतीय उद्योग जगत से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को लाने पर ध्यान केंद्रित करने और अपने कर्मचारियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का आह्वान किया ताकि देश की विकास यात्रा को आगे ले जाया जा सके। डोभाल ने भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) द्वारा आयोजित ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ स्मृति व्याख्यान देते हुए वैश्विक स्तर पर कार्यबल मुहैया कराने में भारत की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि यदि मानव संसाधन पर्याप्त कुशल है तो देश और अधिक सफलता हासिल कर सकता है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने कहा, ‘‘हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा मानव संसाधन है जो अत्यधिक प्रेरित और प्रतिबद्ध कार्यबल है। हमें उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उनके कौशल को विकसित करने की आवश्यकता है।’’ डोभाल ने जीवन के सभी पहलुओं में निरंतर सुधार का भी आह्वान करते हुए कहा, ‘‘आप जहां भी हैं, जो भी कर रहे हैं, उसे कल से बेहतर कीजिए।’’ उन्होंने उद्योगपतियों से कहा कि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। डोभाल ने कहा, ‘‘हमें महत्वपूर्ण एवं उभरती और विविध प्रौद्योगिकियों को लाना चाहिए। आपको वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होना होगा, आपको नवोन्मेषी होना होगा, आपको किफायती होना होगा और यदि आपको यह करना है, तो आपको इनमें निवेश करना होगा।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक बाजार में प्रमुख स्थान हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना चाहिए।’’ यह उम्मीद है कि अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग की घोषणा करेंगे। डोभाल ने देश के लिए बोस के ‘‘महान’’ योगदान की भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी को लोगों की क्षमताओं पर बहुत भरोसा था। आज हमारी प्राथमिकता अपने नागरिकों को सशक्त बनाना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना होनी चाहिए।’’

डोभाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे बोस ने निडरता से ब्रितानी अधिकारियों को चुनौती दी, अपने कॉलेज के दिनों में एक ब्रिटिश प्रधानाचार्य के सामने खड़े हुए, कम उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने महात्मा गांधी तक की भी अवहेलना की। उन्होंने कहा कि साथ ही बोस के मन में गांधी के लिए बहुत सम्मान था। डोभाल ने बोस की विरासत पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट करने की नेताजी की क्षमता पर बात की और बताया कि कैसे उन्होंने एक एकीकृत और मजबूत भारत की कल्पना की।

डोभाल ने कहा कि बोस का संयुक्त भारत का नजरिया उनके प्रसिद्ध नारे ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ में समाहित है। उन्होंने कहा कि बोस ने लोगों को अपने देश के लिए लड़ने, स्वतंत्रता पाने के लिए एकजुट होने की प्रेरणा दी। एनएसए ने कहा कि बोस एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे और वह अत्यधिक धार्मिक थे। डोभाल ने कहा कि बोस के प्रयास उनके देशभक्ति के जुनून और एक महान भारत के उनके अटूट सपने से प्रेरित थे।

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