DMK ने नई शिक्षा नीति, EIA मसौदा और UPSC परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
पार्टी के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए एनईपी का विरोध किया और बताया कि इस नीति के कई प्रस्ताव प्रतिगामी हैं और राज्यों के लिए अपमानजनक हैं और यह शिक्षा का केंद्रीकरण करता है।
चेन्नई। द्रमुक ने बुधवार को पार्टी की आम सभा में कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी) को लागू नहीं करने और पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना मसौदा (ईआईए) को वापस लेने की मांग की। पार्टी ने 2019 के केंद्रीय लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में ‘अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के सामाजिक न्याय के अधिकार को छीनने ‘ की निंदा की और जांच की मांग की। पार्टी के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए एनईपी का विरोध किया और बताया कि इस नीति के कई प्रस्ताव प्रतिगामी हैं और राज्यों के लिए अपमानजनक हैं और यह शिक्षा का केंद्रीकरण करता है।
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पार्टी ने कहा कि देश के उच्च शिक्षा आयोग द्वारा राज्यों के विश्वविद्यालयों को केंद्र के नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव, कला और विज्ञान पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा, विदेशी विश्वविद्यालयों को मंजूरी , केंद्रीय स्तर पर पाठ्यक्रमों का तैयार होना और स्वायत्त केंद्रीय क्लासिकल तमिल संस्थान को एक विश्वविद्यालय के साथ मिलाने जैसे कदम पार्टी को स्वीकार्य नहीं हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस नीति में संस्कृत को प्रमुखता दी गई है और अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति सौतेला व्यवहार किया गया है। वहीं पार्टी ने पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना मसौदा (ईआईए) का विरोध करते हुए कहा कि यह पर्यावरण की रक्षा के मौजूदा कानूनों को कमजोर करता है।
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