पुष्कर सिंह धामी सरकार का बड़ा फैसला, चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड किया भंग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले दिनों देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर लगातार विभिन्न प्रकार के समाजिक संगठनों ने, तीर्थपुरोहितों ने, हक-हकूकधारियों ने और पंडा समाज के लोगों से हमने बात की है और उन सभी के सुझाव मिले हैं। इसके साथ ही मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है।
देहरादून। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला करते हुए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग कर दिया। मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।
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बोर्ड को किया गया भंग
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर लगातार विभिन्न प्रकार के समाजिक संगठनों ने, तीर्थपुरोहितों ने, हक-हकूकधारियों ने और पंडा समाज के लोगों से हमने बात की है और उन सभी के सुझाव मिले हैं। इसके साथ ही मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। हमने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए हम इस अधिनियम को वापस ले रहे हैं।
देव स्थान हमारे लिए सर्वोपरि रहे हैं। आस्था के इन केन्द्रों में सदियों से चली आ रही परम्परागत व्यवस्था का हम सम्मान करते हैं, गहन विचार-विमर्श और सर्वराय के बाद हमारी सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम वापस लेने का निर्णय लिया है। @narendramodi@JPNadda@BJP4UK pic.twitter.com/yREo6XHEzb
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 30, 2021
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आपको बता दें कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में आंदोलन कर रहे थे। जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने जुलाई में भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इतना ही नहीं आंदोलनकारियों ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपने आंदोलन को तेज करने की भी बात कही थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने की घोषणा की।
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