बेसहारा गौवंश को सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा: जेपी दलाल

JP Dalal

उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की वजह से तरह-तरह की समस्याएं किसान भाईयों को आ रही है इस समस्या से निपटने के लिए गंभीरता से विचार किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बेसहारा पशुओं के संबंध में हमारी सरकार ने कानून लाने का काम भी किया है लेकिन आज लोगों ने गायों को अपने घर रखने की बजाए सडकों पर छोडने का काम किया जा रहा है

चंडीगढ़   पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री जे पी दलाल ने कहा कि राज्य में बेसहारा गौवंश को सडकों पर नहीं छोड़ा जाएगा और हमारा लक्ष्य हैं कि जितनी भी गाय बेसहारा हैं उनके लिए गौशाला बनाई जाए। इसी कड़ी में राज्य सरकार चिंतित है और इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है  दलाल आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे सत्र के दौरान बेसहारा पशुओं के संबंध में लाए गए प्रस्ताव के बारे मेें अपना वक्तव्य दे रहे थे।

 

उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं की वजह से तरह-तरह की समस्याएं किसान भाईयों को आ रही है इस समस्या से निपटने के लिए गंभीरता से विचार किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बेसहारा पशुओं के संबंध में हमारी सरकार ने कानून लाने का काम भी किया है लेकिन आज लोगों ने गायों को अपने घर रखने की बजाए सडकों पर छोडने का काम किया जा रहा है लेकिन लोगों को सरकार के इस प्रयास के साथ अपनी ओर से भी सहयोग करना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि हरियाणा के गौवंश व अन्य बेसहारा पशुओं के लिए सरकार ने बहुत से कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि बेसहारा पशुओं के लिए गौअभ्यारण, नंदी शालाएं खोलने का काम किया गया है और गौशालाओं में गायों को एकत्रित कर भेजने का काम किया गया हैं। इसी प्रकार, गौसेवा आयोग गठन किया गया तथा 4.5 लाख गौवंश को गौशालाओं में भेजने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नीति बनाई है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था 1000 रूपए प्रति एकड प्रति साल के तहत भूमि लेकर गौशाला संचालित कर सकता हैं।

श्री दलाल ने कहा कि पंचकूला में स्थापित गौशाला में गौबर से खाद बनाने का काम किया गया है और इसी प्रकार, इस गौशाला में नैचूरल पेंट बनाने का काम भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय गैस प्राधिकरण द्वारा गैस खरीदने के लिए विभिन्न समझौते किए गए हैं।

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उन्होंने बताया कि राज्य में 600 गौशालांए चल रही हैं और इनमें 4.5 लाख गौवंश को रखा गया है तथा इसी प्रकार, एक लाख बेसहारा गौवशं को गौशालाओं में रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती में भी गौवंश बहुत योगदान हैं और सरकार इस ओर अग्रसर है कि इस पर एक नीति तैयार की जाए ताकि खाद का पैसा बचे और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा सकें। श्री दलाल ने कहा कि वर्ष 2014 से 2022 के दौरान गौशालाओं का बजट दुगुना किया गया हैं। श्री दलाल ने कहा कि इसी तरह लाखों कुत्तो का स्टरलाईजेशन किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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