लोकसभा में उठी भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
भाजपा के जगदम्बिका पाल ने यह विषय उठाते हुए कहा कि यह सत्र ऐसे दिन शुरू हुआ है जिस दिन को हम हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। भारत की अन्य भाषाओं को भी समृद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में वह तीन भाषाओं भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी का विषय उठा रहे हें।
नयी दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को भाजपा के एक सदस्य ने भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई। निचले सदन में शून्यकाल के दौरान भाजपा के जगदम्बिका पाल ने यह विषय उठाते हुए कहा कि यह सत्र ऐसे दिन शुरू हुआ है जिस दिन को हम हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। भारत की अन्य भाषाओं को भी समृद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में वह तीन भाषाओं भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी का विषय उठा रहे हें। पाल ने कहा कि 16 देशों में 20 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। राजस्थानी भी काफी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती है। भूटान में भोंटी को मान्यता दी गई है। भाजपा सांसद ने कहा कि ऐसे में भोजपुरी, राजस्थानी और भोंटी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए।
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संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 भाषाएं हैं। अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कोविड-19 के समय में बच्चों की शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यूनीसेफ की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोरोना काल में सम्पन्न घरों के बच्चों और गरीब घरों के बच्चों के पठन पाठन में अंतर सामने आया है। उन्होंने कहा कि अमीर घरों के बच्चों के पास लैपटाप, टैबलेट, स्मार्ट फोन, वाईफाई सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध थी जबकि गरीब घरों के बच्चों को इसकी कमी देखी गई। पटेल ने कहा कि ऐसे में सरकार को गरीब घरों के बच्चों के लिये बेसिक स्मार्ट फोन और डेटा पैक की योजना शुरू करनी चाहिए।
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