दिल्ली हवाईअड्डे को संक्रमण मुक्त करने के लिए लिया जा रहा अल्ट्रावायलेट किरणों का सहारा

Delhi airport

डीआईएएल ने दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर यूवी टनल लगाया है ताकि यात्रियों के सामानों को संक्रमण मुक्त किया जा सके। डीआईएएल ने कहा कि जूते भी कोरोना वायरस संक्रमण प्रसार का स्रोत हो सकते हैं।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए दिल्ली हवाईअड्डे पर सतहों, लैपटॉप सहित अन्य स्थानों को संक्रमण मुक्त करने के लिए परा-बैंगनी किरणों का सहारा लिया जा रहा है। यह कार्य मोबाइल टावर और टॉर्च के जरिए किया जा रहा है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डीआईएएल) ने एक बयान में कहा कि मोबाइल टावर घेराबंदी किए गए एक क्षेत्र में रखे गए हैं और उनके भीतर लगे यूवी लैम्प का इस्तेमाल संक्रमणमुक्त करने के लिए किया जा रहा है। डीआईएएल ने कहा कि जैसे ही क्षेत्र संक्रमणमुक्त हो जाएगा, वैसे ही यूवी पावर बंद हो जाएगा और इसके बाद टावर को किसी अन्य जगह पर संक्रमण मुक्त करने के लिए रखा जाएगा। वहीं टॉर्च का इस्तेमाल डेस्कटॉप, लैपटॉप और अन्य उपकरणों को विषाणु मुक्त करने के लिए किया जाएगा। 

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डीआईएएल ने कहा, ‘‘ये रोगाणुमुक्त करने वाले लैम्प हैं जो परा-बैंगनी किरणें पैदा करती है। यह छोटी तरंग वाली किरणें बैक्टिरिया और वायरस, प्रोटोजोआ को खत्म कर देती है।’’ डीआईएएल ने दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर यूवी टनल लगाया है ताकि यात्रियों के सामानों को संक्रमण मुक्त किया जा सके। डीआईएएल ने कहा कि जूते भी कोरोना वायरस संक्रमण प्रसार का स्रोत हो सकते हैं। इसलिए उन्हें भी संक्रमण मुक्त करने के लिए जरूरी जगहों पर चटाई रखी जाएगी। डीआईएएल ने कहा कि इन चटाइयों में संक्रमण मुक्त करने वाले रसायन होंगे। वहीं वॉशरूम में सेंसर युक्त टैप लगे होंगे, पैर से संचालित होने वाली सैनिटाइजर मशीन, लगाई जाएंगी। इसके अलावा पैर का इस्तेमाल करते हुए पीने वाला पानी भी भरा जा सकेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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