Prabhasakshi NewsRoom: Odisha सरकार की तैयारियों के चलते Cyclone Dana किसी का बाल भी बाँका नहीं कर पाया
ओडिशा में गजब का परिवर्तन हुआ है। पहले अमूमन यही देखने में आता था कि चक्रवातों से निबटने के दावे तो कर दिये जाते थे लेकिन फिर भी बड़ा नुकसान हो जाया करता था। उसके बाद राहत और बचाव कार्य शुरू होते थे और नुकसान का आकलन कर मुआवजा बांटने की प्रक्रिया चलती थी।
यदि इच्छाशक्ति प्रबल हो तो बड़ी से बड़ी चुनौती पर विजय हासिल की जा सकती है। चक्रवात दाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हम आपको बता दें कि केंद्र और ने चक्रवात रूपी आपदा से जानमाल को बचाने के लिए जिस तरह की व्यापक तैयारियां की थीं यह उसी का प्रतिफल है कि अब तक किसी भी प्रकार का अप्रिय समाचार नहीं मिला है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा है कि चक्रवात दाना ने 24 और 25 अक्टूबर की रात को भितरकनिका और धामरा तटों के बीच लैंडफॉल किया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आज सुबह 7:00 बजे तक जारी रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक तत्परता तथा तैयारियों के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। सरकार की 'जीरो कैजुअल्टी' नीति के अनुसार काम किया गया। उन्होंने बताया कि करीब 6 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 6,000 गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाया गया है, एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाएं सामान्य हो गई हैं तथा दोपहर 1 बजे तक सभी सड़कें साफ हो जाएंगी और शाम 6 बजे तक बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी टीमें पूरे जोरशोर से लगी हुई हैं।
देखा जाये तो ओडिशा में यह गजब का परिवर्तन हुआ है। पहले अमूमन यही देखने में आता था कि चक्रवातों से निबटने के दावे तो कर दिये जाते थे लेकिन फिर भी बड़ा नुकसान हो जाया करता था। उसके बाद राहत और बचाव कार्य शुरू होते थे और नुकसान का आकलन कर मुआवजा बांटने की प्रक्रिया चलती थी। लेकिन ओडिशा में भाजपा सरकार बनने के बाद से राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री अब सिर्फ अधिकारियों के भरोसे नहीं बैठते बल्कि खुद भी सब चीजों पर निगरानी करते हैं। ओडिशा अगर दाना रूपी दानव से बचने में कामयाब रहा है तो इसके लिए ओडिशा सरकार, एनडीआरएफ और केंद्र सरकार की तारीफ की जानी चाहिए।
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हम आपको बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भी कहा है कि ओडिशा के तट पर गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि ओडिशा के तट पर बृहस्पतिवार देर रात करीब 12.05 बजे तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हुई और इसे पूरा होने में करीब साढ़े आठ घंटे का समय लगा। शुक्रवार सुबह करीब 8.30 बजे तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के प्रभाव से हवाओं की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा थी और बाद में यह कमजोर हो कर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। आईएमडी ने बताया, ''चक्रवात के केंद्र के आसपास हवा की अधिकतम निरंतर रफ्तार लगभग 80 किमी प्रति घंटे से 90 किमी प्रति घंटे तक है, जो बढ़कर 100 किमी प्रति घंटे भी हो रही है।’’ आईएमडी ने बताया कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के उत्तरी ओडिशा से होते हुए उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले छह घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर होकर गहरे अवदाब में तब्दील होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पारादीप स्थित डॉप्लर मौसम रडार इस प्रणाली की निरंतर निगरानी कर रहा है।
हम आपको यह भी बता दें कि चक्रवात दाना के प्रभाव से विभिन्न जगहों पर कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं जिन्हें NDRF द्वारा हटाया जा रहा है। एनडीआरएफ ने कहा है कि हम विभिन्न स्थानों पर सड़क साफ करने में लगे हुए हैं। भद्रक जिले में कुल 3 टीमें हैं, जबकि धामरा में दो टीमें तैनात हैं। यह काम तब तक जारी रहेगा जब तक जिला प्रशासन से मंजूरी नहीं मिल जाती कि अब कोई जरूरत नहीं है।
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