North East Delhi हिंसा मामले में अदालत ने बेटे को दंगे, आगजनी करने का दोषी ठहराया; पिता बरी

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दोनों पर 25 फरवरी 2020 को हुये सांप्रदायिक दंगों के दौरान खजूरी खास इलाके में दो घरों में आगजनी करने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था।

राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने उत्तर पूर्व दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों से जुड़े एक मामले के संबंध में एक व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से भीड़ जुटाने और आगजनी करने का दोषी करार दिया, जबकि इन्हीं आरोपों में उसके पिता को बरी कर दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने जॉनी कुमार और उसके पिता मिट्ठन सिंह के खिलाफ मामले की सुनवाई की। दोनों पर 25 फरवरी 2020 को हुये सांप्रदायिक दंगों के दौरान खजूरी खास इलाके में दो घरों में आगजनी करने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था।

न्यायधीश ने कहा, ‘‘आरोपी जॉनी कुमार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) , धारा 436 (घर आदि को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल), धारा-149 (गैरकानूनी जमावड़ा) और धारा-188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा)के तहत दोषी ठहराया जाता है।’’ अदालत ने बुधवार को दिए फैसले में सिंह को ‘उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों’ से बरी कर दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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