जमातियों के संपर्क में आने से फैला भोपाल में कोरोना संक्रमण, जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को सौंपी रिपोर्ट
भोपाल जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जमातियों के जरिए ही कोरोना का संक्रमण शहर में फैला और फिर स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अन्य जगहों में फैलता गया। शहर का जहांगीराबाद क्षेत्र में जमातियों के जरिए ही संक्रमण फैला।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण कैसे फैला इसका पता जिला प्रशासन ने लगा लिया है। जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट भोपाल जिला प्रशासन ने प्रदेश के मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दी है। भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े के नेतृत्व में एडिशनल एसपी व कुछ तकनीकी सहायकों की टीम ने यह जांच रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों और फिर उनके संपर्क में आकर कोरोना की चपेट में आने का विस्तार से उल्लेख किया गया है। बताया जा रहा है कि इसके लिए एक कमरे की सभी दीवारों में चेन बनाकर लिस्टिंग की गई। जिस तरह पुलिस अपराधी की तलाश करती है, उसी तरह डायग्राम बनाकर स्मार्ट सिटी के कुछ अधिकारियों ने कोरोना फैलाने वाले लोगों की तलाश की है। जिसके लिए मरीजों की सीडीआर निकाली गई। जिसमें कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता लगाया गया कि कौन व्यक्ति किसके संपर्क में था और कौन कहां से वायरस की चपेट में आया। इसके लिए एक कमरे की सभी दीवारों में चेन बनाकर लिस्टिंग की गई।
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सूत्रों की माने तो भोपाल जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जमातियों के जरिए ही कोरोना का संक्रमण शहर में फैला और फिर स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अन्य जगहों में फैलता गया। शहर का जहांगीराबाद क्षेत्र में जमातियों के जरिए ही संक्रमण फैला। जो इन दिनों राजधानी भोपाल का अति संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है। कलेक्टर भोपाल तरुण पिथोड़े ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। इसके लिए आम जनता को भी प्रशासन का सहयोग करना होगा। आगे संक्रमण ज्यादा ना फैले इसके लिए विस्तृत सीडीआर तैयार की है, जो शासन को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि किस तहर जमातियों से पुलिसकर्मीयों और फिर स्वास्थ्य कर्मीयों में कोरोना संक्रमण फैला।
रिपोर्ट के अनुसार जमातियों को क्वारंटाइन करने के दौरान भोपाल के ऐशबाग थाने का एक कांस्टेबल इनके संपर्क में आया था। यह कांस्टेबल कोरोन संक्रमित हो गया था, लेकिन उसे इस बात का पता ही नहीं चला। इसके बाद पुलिस कांस्टेबल की पत्नी उसके संपर्क में आई और वह भी संक्रमित हो गई। कांस्टेबल की पत्नी के संपर्क में आने वाले अधिकांश पुलिसकर्मियों की पत्नियां संक्रमित हुईं। जिससे पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण फैल गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पॉजिटिव पाए जाने वालों की संपर्क सूची में हर पांचवें व्यक्ति की संपर्क सूची में कांस्टेबल की पत्नी का नाम कॉमन है। इसके बाद कॉलोनी और अन्य पुलिसकर्मियों में संक्रमण फैलता गया। तो वही स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अफसर के घर पर जमातियों के आने की पुष्टि हुई है। यहां से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की संचालक कोरोना संक्रमित हुईं। जो हर बार कांटेक्ट ट्रेसिंग में कॉमन आई हैं। इसके चलते इन्हीं के जरिए स्वास्थ्य विभाग में संक्रमण फैला है। हर बैठकों में वे जाती-आती रही थीं।
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जामातियों के जरिए कोरोना संक्रमण भोपाल के जहांगीराबाद, शाहजहांनाबाद और मंगलवारा सहित तलैया क्षेत्र में फैला रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है। जहांगीराबाद तो इन दिनों अति संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है। भोपाल के हॉट स्पॉट इलाकों में जहांगीराबाद, मंगलवारा और शाहजहांनाबाद क्षेत्र शामिल है। इन इलाकों में कोरोना संक्रमण फैलने की शुरुआत यहां रह रहे कुछ जमातियों से ही हुई है। जमातियों की वजह से ही जहाँगीराबाद के आसपास और चर्च रोड व अहीरपुरा में संक्रमण फैला। वही स्वास्थ्य निदेशक के संक्रमित होने के बाद इनके संपर्क 340 से अधिक लोग आए। इसके बाद पूरे विभाग में एक-एक करके लोगों का टेस्ट हुआ और वे पॉजिटिव पाए गए। ऐसा इसलिए कि स्वास्थ्य विभाग के जितने भी अधिकारी व कर्मचारी संक्रमित हुए हैं, उनकी संपर्क सूची के हर पांच में एक में निदेशक का नाम आ रहा है, लेकिन डायरेक्टर को आखिर किसके संपर्क में आने से कोरोना का संक्रमण हुआ यह गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। हालांकि रिपोर्ट में जिक्र है कि वे कुछ दिनों के लिए बैंगलुरु गए थे।
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