पिछले 24 घंटे में नौ राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना का एक मामला सामने नहीं आया: हर्षवर्धन
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एस के सिंह ने पंजाब में कोविड-19 मामलों की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि 12 मई तक 22 जिले इस महामारी से प्रभावित थे, जबकि राज्य में कुल मामलों की संख्या 1,913 है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक लुधियाना, जालंधर और पटियाला, ये तीन जिले ‘रेड जोन’ में हैं।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एस के सिंह ने पंजाब में कोविड-19 मामलों की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि 12 मई तक 22 जिले इस महामारी से प्रभावित थे, जबकि राज्य में कुल मामलों की संख्या 1,913 है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक लुधियाना, जालंधर और पटियाला, ये तीन जिले ‘रेड जोन’ में हैं। कुल 43,999 नमूने एकत्र किये गये हैं, जबकि संक्रमण के मामलों की पुष्टि होने की दर 4.3 प्रतिशत है। सिंह ने कहा कि पंजाब में कोविड-19 के मामलों में महाराष्ट्र के नांदेड़ हुजूर साहिब से लौटे तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक है। कुल 4,216 में 1,225 की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राज्य के समक्ष एक और चुनौती देश के विभिन्न हिस्सों से लौट रहे करीब 20,521 प्रवासी कामगारों के लौटने से है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में बुधवार सुबह आठ बजे तक कोविड-19 से 32 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के 1,914 मामले सामने आ चुके हैं।कोरोना को दे रहे हैं मात !
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 13, 2020
#COVID19 को लेकर आज #पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री श्री बलबीर सिंह सिद्धू जी के साथ चर्चा के दौरान मैंने बताया कि देश में 24,386 मरीज़ इस महामारी को मात देकर पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।@CMOPb @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/SU2sGZjSgH
इसे भी पढ़ें: आत्म-निर्भर भारत का मतलब दुनिया से अपने को काट कर रखना नहीं है: सीतारमण
बयान के मुताबिक हर्षवर्धन ने बैठक के दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से अनुपालन कराना, संक्रमित लोगों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाना, निरूद्ध क्षेत्र में समूची आबादी की जांच करना और आवश्यक वस्तुओं को घर-घर पहुंचाने जैसे पंजाब सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों की सराहना की। उन्होंने राज्य से अप्रभावित इलाकों में एसएआरआई और आईएलआई जांच और अधिक कराने का भी अनुरोध किया। साथ ही, गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं, जैसे कि टीकाकरण अभियान, टीबी के मामलों का पता लगाना एवं उनका उपचार करना, डायलिसिस रोगियों को खून चढ़ाने की व्यवस्था करना, कैंसर रोगियों की मदद और गर्भवती महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित करने को भी कहा। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘उपलब्ध आंकड़ों से संकेत मिलता है कि क्लीनिकों में टीबी के मामलों का पता चलने की संख्या में कमी आई है, राज्य को इस क्षेत्र को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।’’ हर्षवर्धन ने यह भी सुझाव दिया किराज्य में लौट कर आ रहे सभी लोगों के लिये आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना अनिवार्य किया जाए।
अन्य न्यूज़