सामाजिक न्याय की राह पर मजबूती से चलेगी कांग्रेस, जाति जनगणना व आरक्षण की सीमा बढ़ाने की पैरवी की
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के ज्यादातर घटक दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं।बैठक में कांग्रेस कार्य समिति ने सात सूत्री प्रस्ताव भी पारित किया जिसमें जाति जनगणना, महिला आरक्षण अधिनियम में ओबीसी कोटा नहीं होने, बेरोजगारी, महंगाई, मणिपुर की स्थिति, कुछ पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया है।
कांग्रेस ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को सामाजिक न्याय की चुनावी राह पर मजबूती से चलने का फैसला किया। उसने देश में जाति जनगणना कराने तथा अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की अधितम 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की पैरवी भी की। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना का कांग्रेस कार्य समिति द्वारा पुरजोर समर्थन किए जाने को ‘ऐतिहासिक निर्णय’ करार दिया और कहा कि इस कदम से वंचित तबकों के विकास में मदद मिलेगी। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद वह केंद्र की सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराई जाएगी, ओबीसी महिलाओं की भागीदारी के साथ महिला आरक्षण को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा तथा ओबीसी, एससी एवं एसटी के लिए आरक्षण की अधिकतम सीमा को कानून के माध्यम से खत्म किया जाएगा।
कांग्रेस मुख्यालय में करीब चार घंटे तक चली कार्य समिति की बैठक में जाति जनगणना और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। खरगे ने बैठक में दिए अपने अध्यक्षीय भाषण में सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जाति आधारित जनगणना के विषय पर मौन रहने का आरोप लगाया और कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में उचित सहभागिता के लिए यह जरूरी है कि कमजोर तबकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आंकड़े उपलब्ध हों। उन्होंने पार्टी नेताओं से राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर दिया और कहा कि राजनीतिक दलों के साथ ही संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी सक्रिय हैं, ऐसे में खामोश नहीं रहा जा सकता।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर प्रचार एवं वोटबैंक की राजनीति के लिए महिला आरक्षण विधेयक लाने तथा ओबीसी की महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि अगले साल सत्ता में आने पर उनकी पार्टी ओबीसी महिलाओं की उचित भागीदारी के साथ लोकसभा एवं विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व से संबंधित महिला आरक्षण लागू करेगी। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने कार्य समिति की बैठक में कहा कि वह जातिगत जनगणना के विचार का पूरी तरह समर्थन करती हैं और यह उनकी पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि कार्य समिति ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है क्योंकि यह हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जरूरी है।
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के ज्यादातर घटक दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं।बैठक में कांग्रेस कार्य समिति ने सात सूत्री प्रस्ताव भी पारित किया जिसमें जाति जनगणना, महिला आरक्षण अधिनियम में ओबीसी कोटा नहीं होने, बेरोजगारी, महंगाई, मणिपुर की स्थिति, कुछ पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया है।
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