कांग्रेस सांसद Karti Chidambaram ने अमेरिकी प्रतिबंधों पर कहा, "इससे निश्चित रूप से हमारे निर्यात पर असर पड़ेगा"

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रितिका कमठान । Apr 3 2025 11:30AM

इसका निश्चित रूप से हमारे निर्यात पर असर होगा। मुझे लगता है कि वित्त मंत्री को इसका विश्लेषण करना चाहिए। वित्त मंत्री को सदन और देश को बताना चाहिए कि इसके क्या प्रभाव होंगे और ये हमारी आर्थिक वृद्धि को कैसे प्रभावित करेंगे।" गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प नए आयात शुल्क की घोषणा कर चुके है।

अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने का फैसला लागू कर दिया है, जिसके बाद से हर तरफ हलचल मच गई है। इस मामले पर गुरुवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने से निश्चित रूप से भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा। केंद्र सरकार को यह विश्लेषण करने की जरूरत है कि इसका देश की आर्थिक वृद्धि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

कांग्रेस सांसद ने एएनआई से कहा, "इसका निश्चित रूप से हमारे निर्यात पर असर होगा। मुझे लगता है कि वित्त मंत्री को इसका विश्लेषण करना चाहिए। वित्त मंत्री को सदन और देश को बताना चाहिए कि इसके क्या प्रभाव होंगे और ये हमारी आर्थिक वृद्धि को कैसे प्रभावित करेंगे।" गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प नए आयात शुल्क की घोषणा कर चुके है, जिसमें दुनिया भर के देशों पर लगाए जाने वाले शुल्कों की रूपरेखा बताई गई, जिसमें भारत पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। 

कांग्रेस सांसद ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक गुरुवार को लोकसभा में इसलिए पारित हो गया क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल था। उन्होंने कहा कि इच्छुक और प्रभावित लोग सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। चिदंबरम ने कहा, "यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है, क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त संख्या है, लेकिन मुझे विश्वास है कि इसमें रुचि रखने वाले और प्रभावित कुछ लोग सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे। मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि अंततः इसका निपटारा न्यायालय को ही करना होगा।" 

इस बीच, कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोगों को धर्म के आधार पर 'बांटना' चाहती है और यह विधेयक उस दिशा में "एक कदम" है। "उनका (भाजपा का) यह कहना कि यह बहुत पहले से होना चाहिए था, धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की उनकी इच्छा के दृष्टिकोण से है। उन्होंने इस दिशा में यह कदम उठाने का प्रयास किया है... विपक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न संशोधनों के बावजूद, किसी पर विचार नहीं किया गया... यह इस सरकार के एजेंडे के पीछे छिपे खतरे की शुरुआत मात्र है। 

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