जुब्बल कोटखाई में कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने चुनाव जीता, भाजपा कैंडीडेट की जमानत जब्त
चेतन बरागटा ने बगावत कर दी। जिसका नुक्सान भाजपा को हुआ। हालांकि एक जमाने में यहां भाजपा का दबदबा रहा है। पूरी सेब बैल्ट में बरागटा परिवार का खासा दबदबा रहा है। लेकिन इस बार संगठन मंत्री पवन राणा के दवाब के चलते सीएम जय राम ठाकुर भी चेतन बरागटा के टिकट की पैरवी नहीं कर पाये। इसका नुक्सान पार्टी को हुआ।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जुब्बल-कोटखाई विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने चुनाव जीत लिया है। कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने 29447 वोट प्राप्त किए। आजाद प्रत्याशी चेतन बरागटा 23344 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जबकि भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैइक तीसरे स्थान पर रहीं। भाजपा प्रत्याशी नीलम अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई हैं। भाजपा की नीलम सरैइक को 2584 और निर्दलीय प्रत्याशी सुमन कदम को 170 वोट मिले। नोटा 172 है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है।
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भाजपा के लिये चेतन बरागटा की उपेक्षा भारी पडी है। जिससे उसके हाथ से यह सीट छिनती नजर आ रही है। भाजपा विधायक नरेन्दर बरागटा के निधन से यह सीट खाली हुई। जहां पहले भाजपा ने उनके बेटे चेतन बरागटा को मैदान में उतारने की बात कही। लेकिन आखिरी मौके पर नीलम सरैइक को टिकट दे दिया। उसके बाद चेतन बरागटा ने बगावत कर दी। जिसका नुक्सान भाजपा को हुआ। हालांकि एक जमाने में यहां भाजपा का दबदबा रहा है। पूरी सेब बैल्ट में बरागटा परिवार का खासा दबदबा रहा है। लेकिन इस बार संगठन मंत्री पवन राणा के दवाब के चलते सीएम जय राम ठाकुर भी चेतन बरागटा के टिकट की पैरवी नहीं कर पाये। इसका नुक्सान पार्टी को हुआ। व चेतन की बगावत की वजह से भाजपा की यहां खूब फजीहत हुई।
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जुब्बल कोटखाई सीट से जीत हासिल करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर का जन्म 14 अगस्त 1974 को हुआ। रोहित जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र की जुब्बल तहसील की ग्राम पंचायत धार के पौटा गांव के निवासी हैं। उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की। राजनीति रोहित ठाकुर को अपने दादा पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर रामलाल से विरासत में मिली। वर्ष 2002 में दादा के निधन के बाद रोहित ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। रोहित ने पहली बार वर्ष 2003 में चुनाव लड़ा और जीत प्राप्त की।
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उस वक्त उनकी 27 साल की उम्र थी। इससे पूर्व युवा कांग्रेस में सक्रिय थे। इसके बाद 2012 में चुनाव जीता। वीरभद्र सरकार में रोहित ठाकुर मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। रोहित ठाकुर को अब तक अपने राजनीतिक जीवन में दो बार जीत और दो बार हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के टिकट पर उनका मुकाबला हमेशा भाजपा नेता पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा से ही रहा। उन्होंने डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से बीए राजनीति विज्ञान की शिक्षा ग्रहण की।
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जुब्बल कोटखाई उपचुनाव (अंतिम राउंड)
प्रत्याशी वोट
रोहित ठाकुर(कांग्रेस) 29447
चेतन बरागटा(निर्दलीय) 23344
नीलम सरैइक(भाजपा) 2584
सुमन कदम(निर्दलीय) 170
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