लातूर के नृसिंहवाड़ी गांव का CM शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस ने किया दौरा, कहा- किसानों के साथ हम खड़े हैं

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ANI
अभिनय आकाश । Sep 4 2024 5:57PM

एकनाथ शिंदे ने कहा कि बारिश जैसे ही तेज हुई है हमने विभाग आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पंचनामें के लिए सूचित किया था कि जल्द-जल्द उनके पंचनामें हो जाए और उनका जितना नुकसान हुआ है उसका रिकॉर्ड शासन को भेज दिया जाए। सरकार हमेशा किसानों के पीछे खड़ी रही है और इस बार भी किसानों को काफी नुकसान हुआ है हम उनके साथ खड़े हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसानों से मिलने और नुकसान के बारे में जानने के लिए लातूर के नृसिंहवाड़ी गांव का दौरा किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बारिश जैसे ही तेज हुई है हमने विभाग आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पंचनामें के लिए सूचित किया था कि जल्द-जल्द उनके पंचनामें हो जाए और उनका जितना नुकसान हुआ है उसका रिकॉर्ड शासन को भेज दिया जाए। सरकार हमेशा किसानों के पीछे खड़ी रही है और इस बार भी किसानों को काफी नुकसान हुआ है हम उनके साथ खड़े हैं। 

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गौरतलब है कि  महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण पिछले तीन दिनों में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। अधिकारियों द्वारा किए गए प्राथमिक मूल्यांकन में यह जानकारी सामने आई है। मराठवाड़ा में एक सितंबर से लगातार तीन दिनों तक भारी बारिश हुई और मंगलवार शाम के बाद बारिश रुक गई। बारिश के कारण सात जिलों में लगभग 11.67 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसमें नांदेड़ में प्रकृति के प्रकोप का सबसे अधिक प्रभाव देखा गया। प्राथमिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार एक सितंबर से बारिश संबंधी घटनाओं में छत्रपति संभाजीनगर में पांच, हिंगोली में दो, तथा लातूर, बीड और जालना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 

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राज्य में मूसलाधार बारिश से 284 राजस्व क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। सात जिलों के 883 गांवों में फसल बर्बाद हो गई है। प्रभावित जमीनें 14.62 लाख किसानों की हैं। नांदेड़ जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां 3.34 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें प्रभावित हुई हैं। बारिश के कारण 523 पशुओं की मौत हो गई तथा 1,126 घरों को नुकसान पहुंचा है। मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश से भारी तबाही हुई है लेकिन जल भंडारण स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। छत्रपति संभाजीनगर और पड़ोसी जालना जिले में उद्योग, कृषि और पेयजल प्रयोजनों के लिए जल आपूर्ति करने वाला जयकवाड़ी बांध अपनी भंडारण क्षमता के 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है। 

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