संख्या बल के अनुसार होगा फैसला, शरद पवार का बयान सुनकर उद्धव ठाकरे को लगेगा बड़ा झटका
शरद पवार ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला संख्या बल के आधार पर होगा।1977 में सभी एक साथ आये। इसके बाद मुरारजी का नाम सामने आया। शरद पवार ने यह भी कहा कि हमारा लक्ष्य स्थिर सरकार देना है।
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारी में जुट गई हैं। बैठकों के दौर जारी हैं। ऐसे में देखा जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पिछले कुछ दिनों से इस बात पर चर्चा चल रही थी कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद चंद्र पवार ने इस पद के चेहरे को अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कोल्हापुर में कहा कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर पहले यह देखना होगा कि किस पार्टी के कितने उम्मीदवार चुनकर आएंगे, उसके बाद संख्या बल के अनुसार फैसला होगा।
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शरद पवार ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला संख्या बल के आधार पर होगा।1977 में सभी एक साथ आये। इसके बाद मुरारजी का नाम सामने आया। शरद पवार ने यह भी कहा कि हमारा लक्ष्य स्थिर सरकार देना है। मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में अभी सोचने की कोई वजह नहीं है, संख्या बल के बाद इस पर विचार किया जाएगा। ऐसा कई बार हुआ है कि किसे नेतृत्व करना है इसका निर्णय चुनाव के बाद संख्या बल होने पर करना पड़ता है। अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। शरद पवार ने भी कहा है कि बहुमत नहीं है, इसमें कोई शक नहीं कि बहुमत होगा, लेकिन अभी कोई फैसला लेने की जरूरत नहीं है।
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इस समय शरद पवार ने एक उदाहरण भी दिया है, 1977 में बानी के बाद चुनाव हुआ था। उस चुनाव को किसी ने आगे नहीं बढ़ाया था। जयप्रकाश नारायण ने कहा विरोध में सभी को एक साथ आना चाहिए। सभी एक साथ आए, फिर चुनाव के बाद मोरारजी देसाई के नाम की घोषणा की, चुनाव में वोट मांगते वक्त कहीं भी मोरारजी देसाई के नाम की घोषणा नहीं की गयी।
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