ममता सरकार का बड़ा फैसला, राज्य के विश्वविद्यालयों में अब राज्यपाल की जगह CM होंगी चांसलर
बंगाल में विश्वविद्यालय की चांसलर अब मुख्यमंत्री होंगी। बता दें कि अभी तक सूबे के राज्यपाल ही विश्वविद्यालय के चांसलर होते हैं। इससे संबंधित बिल को बदलने की बात की जा रही थी। आज कैबिनेट की तरफ से इस पर मुहर लग गई।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ का विवाद किसी से छुपा नहीं है। अब ममता सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है। बंगाल में विश्वविद्यालय की चांसलर अब मुख्यमंत्री होंगी। बता दें कि अभी तक सूबे के राज्यपाल ही विश्वविद्यालय के चांसलर होते हैं। बंगाल कैबिनेट की तरफ से ये बड़ा फैसला लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से कानून में बदलाव किया जाएगा। ममता सरकार के इस कदम के बाद राजभवन और राज्य सरकार के बीच तल्खी और बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है।
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पिछले एक साल से इसको लेकर बातचीत चल रही थी। राज्य सरकार पहले भी कह चुकी है कि जिस तरह से बार-बार राजभवन और वाइस चासंलर पश्चिम बंगाल के जितने भी यूनिवर्सिटी हैं उनके वीसी के अप्वाइंटमेंट में दिक्कत हो रही है। ममता सरकार का कहना था कि बार-बार राज्यपाल के पास भेजे जाने के बाद भी अप्रूवल नहीं मिल रहा था। पश्चिम बंगाल सरकार का बड़ा आरोप ये था कि इसमें राजनीतिक दखलअंदाजी हो रही है। इससे संबंधित बिल को बदलने की बात की जा रही थी। आज कैबिनेट की तरफ से इस पर मुहर लग गई।
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एक नया बिल लाया जाएगा जिसके अंतर्गत पश्चिम बंगाल में जितने भी सरकारी विश्वविद्यालय हैं वहां पर मुख्यमंत्री ही चांसलर होंगी। ताकी वाइस चासंलर और जितने भी ऑफिसिलयल अप्वाइंटमेंट में कोई दिक्कत न आए। कुल मिलाकर कहा जाए तो राजभवन और राज्य सरकार में तनावपूर्ण संबंधों के मद्देनजर ही कैबिनेट की तरफ से इतना बड़ा निर्णय लिया गया है।
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