नागरिकता विधेयक: भाजपा को घेरने के लिए आठ सूत्रीय एजेंडे पर सहमत विपक्षी दल
सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की बैठक में नागरिकता विधेयक के मुद्दे पर भाजपा को घेरने के लिए आठ सूत्रीय एजेंडे पर सहमति बनी। विपक्षी दलों के एजेंडे में यह बात शामिल है कि यह विधेयक उन सिद्धान्तों के खिलाफ हैं जिनकी राष्ट्र निर्माताओं ने कल्पना की थी।
नयी दिल्ली। सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पेश किए जाने की तैयारी के बीच कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को बैठक की और इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने के लिए आठ सूत्रीय एजेंडा तय किया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने संसद भवन परिसर में विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक कर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर रणनीति पर चर्चा की। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक,सपा, आम आदमी पार्टी सहित 12 विपक्षी दलों के नेता शामिल थे।
Sources: Citizenship Amendment Bill (CAB) to be introduced in Lok Sabha on Monday (9th December). pic.twitter.com/oU0qVj4YMH
— ANI (@ANI) December 5, 2019
सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की बैठक में नागरिकता विधेयक के मुद्दे पर भाजपा को घेरने के लिए आठ सूत्रीय एजेंडे पर सहमति बनी। विपक्षी दलों के एजेंडे में यह बात शामिल है कि यह विधेयक उन सिद्धान्तों के खिलाफ हैं जिनकी राष्ट्र निर्माताओं ने कल्पना की थी। साथ ही नागरिकता के लिए कई ऐसी बुनियाद रखी जा रही है जो संविधान के विरुद्ध है। बैठक में शामिल नेताओं के बीच यह राय बनी कि ‘सरकार एनआरसी को लेकर अपनी विफलता छिपाने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक को लायी है।’ आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार यह विधेयक उत्तर प्रदेश और बिहार के लाखों लोगों को देश के दूसरे हिस्सों से बाहर करने के मकसद से ला रही है।
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इस बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल में कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रणनीति तय करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगी तथा समान विचारधारा वाले दलों के साथ भी चर्चा होगी। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी। हालांकि कई विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर भारत आए उन गैर मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो।
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