उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: सतीश महाना बोले- चित्रकूट-दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे 60 प्रतिशत पूर्ण

Satish Mahana

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मंत्री सतीश महाना ने बताया की प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों तथा विभिन्न सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश उद्योग के दृष्टिकोण से जहां पहले सबसे कम वरीयता वाला प्रदेश था वहां, आज यह प्रदेश उद्योग के परिप्रेक्ष्य में सबसे वरीयता वाला राज्य बन गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।

प्रदेश में 1 जून से अब तक 334.7 मिमी औसत वर्षा हुई

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 16.1 मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 10.6 मि0मी0 के सापेक्ष 152 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 334.7 मि0मी0 औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 344.9 मि0मी0 के सापेक्ष 97 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि गंगा कचलाब्रिज बदायूं, शारदा नदी पलियाकलॉ खीरी, घाघरा नदी तुरतीपार बलिया में तथा क्वानों चन्द्रदीपघाट गोण्डा में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 37 टीमें तैनाती की गयी है, 425 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 177 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 द्वारा 152 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 4711 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 16,977 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 411 बाढ़ शरणालय तथा 617 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में स्थापित किए गए पशु शिविर की संख्या 12 अब तक कुल 258 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 12,146 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 1,20,957 है।

असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के पंजीकरण हेतु जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश

अपर श्रमायुक्त लखनऊ बीके राय द्वारा बताया गया कि उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन असंगठित कर्मकारों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। बोर्ड में पंजीकरण के लिए रु 15000 प्रतिमाह से कम वेतन पाने वाले 45 श्रेणियों के कर्मकार रु0 60 का भुगतान कर पांच वर्ष के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। 45 प्रकार की श्रेणियों में मुख्यतः चिकन, ज़री, ज़रदोजी, घरेलू कर्मकार, मोची, धोबी, दर्जी, नाई, फुटकर दुकानदार, हाकर, ऑटो चालक, लघु किसान आदि सम्मिलित हैं।

अपर श्रमायुक्त द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन पंजीयन बोर्ड की वेबसाइट नचेइण्पद पर स्वयं श्रमिकों द्वारा की जा सकती है। श्रमिकों के हितार्थ मुख्यमंत्री जी द्वारा इस पोर्टल का शुभारम्भ 09 जून, 2021 को किया गया था। श्रमिक अपना पंजीकरण रु 30 शुल्क देकर जनसुविधा केन्द्रों के माध्यम से भी करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 05 लाख रुपये तक की कैशलेश चिकित्सा सुविधा एवं मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत मृत्यु की दशा में 02 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में इस वर्ष 01 करोड़ असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा प्रत्येक जनपद को 1,33,500 श्रमिकों का पंजीकरण करना है। लखनऊ मण्डल में अब तक 3,163 श्रमिकों का पंजीकरण किया जा चुका है। उन्होंने श्रम विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के पंजीकरण हेतु जागरूकता अभियान चलायें, जिससे कि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप पंजीकरण के लिए अधिक से अधिक पात्र श्रमिकों को प्रोत्साहित किया जा सके।

बाराबंकी के सभी उपनिबंधक कार्यालयों में महिला अधिकारियों को सौंपी गयी कार्य संचालन की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया है कि जनपद बाराबंकी के सभी उपनिबंधक कार्यालयों में महिला अधिकारियों को समस्त कार्य संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि निबंधन कार्यालय में सहायक महानिरीक्षक निबंधन के पद पर वंदना सिंह के साथ ही, 06 उपनिबंधकों के पद पर उप निबंधक नवाबगंज, सुनीता बाजपेयी, उपनिबंधक हैदरगढ़, निधि चतुर्वेदी, उपनिबंधक फतेहपुर, विभा द्विवेदी, उपनिबंधक रामनगर, सांची कुमारी, उपनिबंधक सिरौलीगौसपुर, मीनाक्षी श्रीवास्तव और उपनिबंधक रामसेनहीघाट, दीप्ति शुक्ला को प्रभार दिया गया है। उपनिबंधक के साथ ही सहायक निरीक्षकों का प्रभार भी महिला अधिकारियों को दिया गया है। जनपद बाराबंकी के ये कार्यालय महिला अधिकारियों की कार्य कुशलता एवं विशिष्ट कार्य शैली के कारण अपनी अलग पहचान बना रहें हैं और स्टाम्प विभाग में महिलाओं की अग्रणी भूमिका और बढ़ती सहभागिता अन्य विभागों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगी। 

इसे भी पढ़ें: संघर्ष और साधना की मिसाल है सप्रे जी का जीवन: हृदय नारायण दीक्षित 

जायसवाल आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यों के त्वरित संचालन के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के क्रम में महिला सशक्ति करण को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि विभागीय कार्यों में महिलाओं की अधिक से अधिक सहभागिता बढ़ायी जाये और उनके नैसर्गिक नेतृत्व गुणों का लाभ विभाग को मिल सके।

स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री ने बताया कि यह एक सुखद संयोग है कि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर वीना कुमारी जी और आई0जी0 स्टाम्प पद पर डा रोशन जैकब जैसी सशक्त महिला अधिकारी पूरी निष्ठा एवं लगन से विभाग को अलग पहचान दिला रही है। स्टाम्प मंत्री ने उम्मीद जताई है, कि विभाग की यह पहल सभी महिलाओं के आगें बढ़ने और समाज के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

सामुदायिक शौचालयों व पंचायत भवनों का लोकार्पण

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण तथा जनपद बहराइच प्रभारी मंत्री अनिल राजभर जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष श्यामकरन टेकड़ीवाल व अन्य के साथ जगदम्बा देवी तारा देवी बालिका इण्टर कालेज मटेरा परिसर में विकास खण्ड रिसिया अन्तर्गत 11 सामुदायिक शौचालयों व 02 पंचायत भवनों का लोकार्पण किया। इसके अलावा ग्राम भौखरा, ऐलासापुर अगैया, विशुनापुर व करौंदा के 17 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का स्वीकृति पत्र, ग्राम करौंदा, लखैया जदीद, रायपुर कबुला, शंकरपुर, भैसाही, भगतापुर, विशुनापुर, गोकुलपुर, भलुहा भकुरहा, भोपदपुर चौकी व अमवा मोलवी के 11 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक शौचालय के संचालन हेतु अनुबन्ध प्रमाण पत्र वितरित किया। इसके अतिरिक्त नाजमा, जरीना, मैंसर जहां व विमला की गोदभराई तथा अमृत, सोनाली, मयंक व विस्सू का अन्नप्रासन्न भी कराया।

मंत्री राजभर विकास खण्ड रिसिया में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान व जरूरतमंदों, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही है जिसका लाभ सभी पात्र लाभार्थियों को बिना भेद-भाव के मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों का सम्मान कर बेहतर वातावरण विकसित किया जाय जिससे गांव के विकास को गति मिल सके। ग्राम प्रधान संवैधानिक पद पर पहुंच कर सरकार का अंग बन गये है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुसार विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का पारदर्शिता के साथ धरातल पर क्रियान्वयन कराते हुए देश व प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाया जाय। उन्होंने सुझाव दिया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाय। उन्होंने कहा कि हर गांव में अनिवार्य रूप से पंचायत भवन का निर्माण हो धन की कोई कमी नही है। सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पीडीडीआरडीए को निर्देश दिया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को दी जाय। राजभर ने कहा कि क्षेत्र की सड़को की मरम्मत कराया जायेगा। प्रभारी मंत्री राजभर ने प्रमुख क्षेत्र पंचायत रिसिया से अपेक्षा की कि विकासखण्ड की चौमुखी विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजा जाय।

डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में हुआ वृक्षारोपण डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं लायन्स क्लब, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में स्थित मंदिर के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो राणा कृष्ण पाल सिंह जी ने बेल का वृक्ष लगाकर किया।

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि हमारी पृथ्वी का सौन्दर्य हरियाली है और ये हमारी पृथ्वी पर बरकरार रहे इसके लिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की जरूरत है। कार्यक्रम में लायन्स क्लब, लखनऊ के जनपदीय अध्यक्ष बीएन चौधरी, क्लब प्रेसीडेन्ट, सुपर्णा त्रेहन, मनोज त्रेहन, बाल सचिन गुप्ता, नीरज जायसवाल ने भी वृक्षारोपण किया।

वृक्षारोपण कार्यक्रम में विश्विद्यालय परिवार के सदस्य-प्रो वीके सिंह, प्रो एचएसझा, प्रो शेफाली यादव, प्रो एसी मिश्रा, प्रो आरआर सिंह, डॉ0 अमित राय, डॉ डीसी शर्मा, डॉ दुष्यंत त्यागी, डॉ अंजली सिंह, डॉ पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ मृत्युंजय मिश्रा, निशांत भोला आदि उपस्थित रहे तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। विश्वविद्याल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के समन्वयक, डॉ राशि कृष्ण सिन्हा एवं अन्य सदस्यों द्वारा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।

डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के 13 विद्यार्थियों का हुआ प्लेसमेण्ट

डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के बीटेक विभाग के 12 एवं एम0बी0ए0 विभाग के 01 विद्यार्थी का वर्चुअल प्लेसमेण्ट ड्राइव में वायरफ्लो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल में प्लेसमेण्ट हुआ है।

विश्वविद्यालय के बी0टेक (सीएस, ईसी, एमई, ईई, सिविल) विभाग के जिन विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट हुआ है उनमें मनीषा यादव, प्रभन्जन पाठक, योगेश कुमार, अभय सिंह, स्वाती पाण्डेय, रोशन गुप्ता, प्रीतम सिंह पाल, प्रद्युम रावत, रवि मिश्रा, पार्थ पटेल, शिवम पाठक एवं शिव शंकर गुप्ता शामिल हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो राणा कृष्ण पाल सिंह जी ने चयनित विद्यार्थियों को अनन्त शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

डॉ दिनेश शर्मा ने खेल साक्षरता प्रसार वाहन को रवाना किया

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज स्पोर्ट्सवे ऑफ लाइफ संस्था द्वारा पूरे प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहित करने व खेलों की महत्ता को जन जन तक पहुंचाने वाली खेल प्रवेशिका का विमोचन तथा खेल साक्षरता प्रसार वाहन को रवाना किया। उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा की खेल प्रतिभाओं को तराशने व खेलों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए खेल साक्षरता प्रसार वाहन सहायक सिद्ध होगा और इन प्रयासों का दूरगामी परिणाम होगा। उन्होंने कहा कि जब तक लोग खेलों के बारे में जानेंगे नही, खेलों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण नही रखेंगे तब तक खेल संस्कृति विकसित नहीं हो सकती।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान खेल एवं खेल भावना के उत्थान के लिए बहुत ही सहायक साबित होगा, इससे देश में खेल साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में खेलों के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में खेलों के प्रति रूचि को बढ़ावा देकर ही वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा में देश को अधिक से अधिक मेडल प्राप्त हो सकेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में भी प्रयत्न किए जाएंगे। 

इसे भी पढ़ें: लखनऊ का घेराव करने की चेतावनी देने वाले राकेश टिकैत के क्षेत्र बागपत पहुँचकर योगी ने दिया बड़ा संदेश 

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री को स्पोर्ट्स ए वे आफ लाइफ संस्था द्वारा ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा दिए जाने संबंधी विभिन्न मांगे रखी गई है।

इस अवसर पर द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित गौरव खन्ना, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित विजय सिंह चौहान तथा रणवीर सिंह, पैराओलंपियन पलक कोहली सहित अन्य राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उपस्थित थे।

गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में निवासरत व्यक्तियों में से कोई व्यक्ति, जिसने मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय एवं राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट कार्य किया हो तथा इस हेतु पूर्णतः समर्पित रहे हों, को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करने के उद्देश्य से गुरू गोविन्द सिंह जी के जन्म दिवस के अवसर पर 5 जनवरी को ’’गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’’ प्रदान किये जाने व रूपये एक लाख का नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति-पत्र दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।

यह जानकारी आज यहां राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को अपने मण्डल/जनपद से इस पुरस्कार के मापदण्डों को पूरा करने वाले पात्र महानुभावों के प्रस्ताव उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों का तथ्यात्मक विवरण एवं अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ संलग्न प्रारूप में स्पष्ट आख्या एवं संस्तुति सहित शासन को प्रत्येक दशा में 30 सितम्बर, 2021 तक उपलब्ध कराने हेतु परिपत्र प्रेषित कर दिया गया है।

प्रमुख सचिव ने बताया कि गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार हेतु कतिपय अर्हताएं निर्धारित की गई है, जिनमें आवेदनकर्ता का भारत का मूल नागरिक होना, उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा के भीतर पुरस्कार पर विचार किये जाने के वर्ष में सामान्यतया निवास करना, मानवाधिकार, सामाजिक न्याय व राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया जाना है। इसके अतिरिक्त आवेदनकर्ता को गुरू गोविन्द सिंह, राष्ट्रीय एकता पुरस्कार योजना के अधीन पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कार न दिया गया हो।

प्रमुख सचिव ने बताया कि परिपत्र में निर्देशित किया गया है कि जिन महानुभावों का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाये, उनके सम्बन्ध में जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन की संयुक्त आख्या में व्यापक जॉच कर तथ्यात्मक विवरण अभिलेखीय साक्ष्यों सहित यह भी प्रमाण-पत्र अंकित किया जाय कि उनके विरूद्ध कोई अपराधिक मामला प्रचलित/लम्बित नहीं है और किसी भी अपराधिक मामले में किसी न्यायालय द्वारा उन्हें दण्डित नहीं किया गया है।

प्रदेश में बढ़ेंगे निवेश व रोजगार के अवसर

उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से आज खादी भवन में इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की और प्रदेश में मोबाइल एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एक्ससरीज पार्क विकसित करने संबंधी प्रस्ताव दिया और उसका प्रजेंटेशन भी किया। प्रतिनिधि मण्डल में एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट विवेक वत्स एवं एक्जक्यूटिव डायरेक्टर राजेश शर्मा शामिल थे।

सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मोबाइल एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एक्ससरीज पार्क विकसित होने पर प्रदेश में लगभग 500 नईफैक्ट्रियां लगेंगी व 02 से 2.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे उत्तर प्रदेश में लगभग 40 हजार करोड़ का निर्यात भी होगा। इससे प्रदेश में 04 से 05 बिलियन डालर का निवेश भी होगा। प्रजेंटेशन में इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन ने इस पार्क को डेवलप करने के लिए 300 एकड़ का प्रोजेक्ट प्लान किया है। जिसमें सरकार उच्च स्तर पर विचार-विमर्श कर उद्यमियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायेगी।

इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट विवेक वत्स एवं एक्जक्यूटिव डायरेक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में एनसीआर तथा पूर्वांचल रीजन को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने बताया कि यह इलेक्ट्रानिक्स एवं मोबाईल फोन के क्षेत्र में बहुत ही त्वरित विकास करने वाला उद्योग है। इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में नेशनल पालिसी-2019 के अन्तर्गत यह उद्योग भारत में 400 बिलियन का इलेक्ट्रानिक उत्पादन करेगा। पिछले पांच से सात सालों में मोबाइल फोन और इसके पार्टस् के निर्माण की 269 यूनिट भारत में स्थापित की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मोबाइल हैण्डसेट की जितनी भी मांग है, उसमें आधे से ज्यादा मोबाइल सेट इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

गुणवत्तायुक्त जलापूर्ति करने के लिए संकटग्रस्त क्षेत्रों का विस्तार से अध्ययन कराया जाय

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा है कि जिन क्षेत्रों/जनपदों में भूजल की गुणवत्ता खराब है तथा जमीन के नीचे पानी की उपलब्धता अत्यन्त कम है, ऐसे जनपदों/क्षेत्रों में सतही स्त्रोत आधारित पेयजल योजनाओं के लिए कारगर रणनीति अपनाई जाय, इसके अलावा इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना तैयार कराई जाय।

जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या-80 में भूजल की गुणता व विभिन्न अशुद्धियों के कारण पीने योग्य नहीं है, इन क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भूजल कम वाले क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण तथा अन्य कारकों का विस्तार से अध्ययन कराया जाय। इसके साथ ही जमीन के नीचे उपलब्ध पेयजल की गुणवत्ता की जांच करायी जाय। इसके पश्चात डीपीआर तैयार कराकर क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त जलापूर्ति के लिए संकटग्रस्त क्षेत्रों का विस्तार से अध्ययन करा लिया जाय तथा नजदीक स्थित जल स्त्रोतों से पेयजल उपलब्ध कराने के विकल्पों पर भी विचार किया जाय।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि यमुना नदी के किनारे स्थित आगरा आदि जनपदों में नदियों का जल प्रदूषित है, भूजल के शोधन के लिए आरओ प्लांट लगाया जाना एक विकल्प हो सकता है। इसके अलावा नरौरा, हाथरस, मथुरा तथा फिरोजाबाद के कुछ क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नजदीक की नदियों एवं जल स्त्रोतों से पानी लिया जा सकता है।

अपर मुख्य सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन टी वेंकटेश ने बैठक में उपयोगी सुझाव देते हुए कहा कि मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सिंचाई विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। इसके साथ ही भूजल की कमी वाले क्षेत्रों/जनपदों में सिंचाई विभाग जहां आवश्यकता होगी नदियों/नहरों से जलापूर्ति कराने में सहयोग करेगा।

बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि जहां भूजल अशुद्धियों के कारण पेयजल उपयोग लायक नहीं है। वहां जलापूर्ति किये जाने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। इसी प्रकार हाथरस, मथुरा तथा फिरोजाबाद में पानी की कमी दूर करने के लिए उपलब्ध विकल्पों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

चित्रकूट-दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे 60 प्रतिशत पूर्ण

सीआईआई द्वारा आयोजित चार दिवसीय आईएसडीए-2021 के दूसरे दिन यूपीडा के साथ एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विशेष रूप से यूपी डिफेन्स कॉरिडोर के तहत अधोरचना निवेश तथा रणनैतिक साझेदारी के अवसरों पर चर्चाएं हुई। दूसरे दिन के अन्य कार्यक्रमों में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड तथा आयुध निर्माणी बोर्ड के साथ वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम भी शामिल रहे।

आज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मंत्री सतीश महाना ने बताया की प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों तथा विभिन्न सुधारों के कारण उत्तर प्रदेश उद्योग के दृष्टिकोण से जहां पहले सबसे कम वरीयता वाला प्रदेश था वहां, आज यह प्रदेश उद्योग के परिप्रेक्ष्य में सबसे वरीयता वाला राज्य बन गया है। उन्होंने बताया की उद्यमी किसी भी प्रदेश के आर्थिक विकास के ब्रांड एम्बेसडर होते है और इसी नाते उन्होंने सभी उद्यमियों से आवाहन किया की वे राज्य सरकार के साथ पार्टनर के रूप में कार्य करें तथा उत्तर प्रदेश डिफेन्स कॉरिडोर को रक्षा उत्पादन सम्बन्धी गढ़ के रूप में विकसित करने में सहयोग करें।

औद्योगिक विकास मंत्री ने यह भी बताया की कोराना महामारी के कारण उत्पन्न चुनैती के बावजूद भी चित्रकूट नोड से दिल्ली के मध्य एक्सप्रेस हाईवे का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है और इसका 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया की रक्षा संरचना विकास तथा उत्पादन में कॉमन फैसिलिटेशन केंद्रों तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सशत्र सेनाओं में बढ़ते स्वदेशीकरण के परिणाम स्वरूप अधीनस्थ उद्योग जैसे की खाद्यान्न, अधोरचना, टेक्सटाइल आदि को भी बल मिलेगा। अंत में उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार एचएएल, डीआरडीओ, ओईएफ तथा बीईएल जैसी संस्थाओं के साथ सम्मिलित रूप से इस परियोजना को सफल बनाने में कार्यरत है।

अपर मुख्य सचिव, गृह तथा सीईओ, यूपीडा अवनीश अवस्थी ने कहा की डिफेन्स कॉरिडोर का विकास कार्य उद्योग मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री जी एवं रक्षा मंत्री जी के निरीक्षण में प्रगति पर है। उन्होंने यह भी बताया की यूपीडा निरंतर प्रयासरत है की उद्यमियो को उनकी आवश्यकता अनुसार भूमि प्रदान कराई जा सके। कॉरिडोर के नोड्स के सन्दर्भ में अवगत करते हुए अवस्थी ने बताया की अलीगढ नोड अगस्त में शिलान्यास के लिए पूर्ण रूप से तैयार है, वहीं कानपूर सितम्बर में तथा झाँसी अक्टूबर में शिलान्यास हेतु तैयार हो जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया की लाइसेंस हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस के दिए गए सुझाव को प्राधिकरण गंभीरता से लेगा और जल्द ही उसके क्रियान्वन पर भी कार्य करेगा। 

इसे भी पढ़ें: एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रशासन सख्त, बाधा डालने वालों से कढ़ाई से निपटने के निर्देश 

सी.आई.आई. उत्तरी क्षेत्र डिफेन्स एण्ड एयरो स्पेस समिति के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने बताया की रक्षा उद्योग इस समय प्रगति पर है। उन्होंने विदेशी ओईएम, लोक तथा निजी कंपनियों के सम्मिलित रूप से कार्य करने के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होने वाले नए निवेशों तथा रोजगारो की महत्ता को भी बताया। गुप्ता ने बताया की प्रदेश में नौ आयुध कारखाने है और यह देश में सूक्ष्म तथा माध्यम वर्गीय उद्योगों की आधारशिला है। सही दिशा एवं दशा प्राप्त होने पर यह देश में रक्षा उत्पादों के सन्दर्भ में प्रमुख गढ़ होगा। उन्होंने कहा की चूँकि इस क्षेत्र में उच्च कौशल की आवश्यकता होती है। अतः उन्होंने मंत्री जी से निवेदन किया की इस कॉरिडोर में मॉडल करियर केन्द्रों की भी स्थापना की जाये, जिसका क्रियान्वन गोको (गवर्नमेंट ओन्ड तथा कंपनी ऑपरेटेड) मॉडल पर किया जाये।

एसआईडीएम यूपी चैपटर के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल ने कहा की सरकार गैर लाइसेंसीकरण, गैर नियंत्रीकरण, निर्यात प्रोत्साहन तथा विदेशी निवेश में उदारीकरण जैसे कदम उठा रही है। उन्होंने बताया की उत्तर प्रदेश में उद्योग सम्बन्धी व्यापार में अपार अवसर व्याप्त है। इस तथ्य को भारत सरकार ने भी माना है और इसी के परिणाम स्वरूप एसआईडीएम यूपी चैपटर की स्थापना प्रदेश में रक्षा उद्योग परिस्थितकीय तंत्र को और मजबूत बनाने हेतु की गयी है।

परविन्दर सिंह उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य नामित

 राज्य सरकार ने परविन्दर सिंह पुत्र अवतार सिंह निवासी अर्जुन नगर, आलमबाग, लखनऊ को 02 अगस्त 2021 से 3 वर्ष के लिये या राज्य सरकार के प्रसाद-पर्यन्त, जो भी पहले हो, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग, लखनऊ का सदस्य नामित किया है। इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव के रविन्द्र नायक ने कार्यालय आदेश जारी कर दिया है।

जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह कल एक दिवसीय अयोध्या के भ्रमण पर

 

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह कल शुक्रवार को जनपद अयोध्या के एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम पर जा रहे हैं। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार डॉ महेन्द्र सिंह पूर्व सिंचाई मंत्री उप्र सरकार स्व मुन्ना सिंह चौहान की 5वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे। यह कार्यक्रम चौ चरण सिंह इण्टर कॉलेज, महोली, सोहावल (निकट शक्ति चौरा पुलिस नेशनल हाइवे) अयोध्या में आयोजित किया गया है। इसके पश्चात अपरान्ह लखनऊ वापस लौटेंगे।

आईआईएमसी का आयोजन

पं. माधवराव सप्रे भारतीय नवजागरण के पुरोधा थे। आज का भारत सप्रे जी की तपस्या का परिणाम है। उनका पूरा जीवन संघर्ष और साधना की मिसाल है। यह विचार उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने पं. माधवराव सप्रे की सार्द्ध शती (150वीं जयंती वर्ष) के अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के हिंदी पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम श्सप्रे प्रसंग में व्यक्त किए। आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्य परिक्रमा के संपादक डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष, प्रख्यात कथाकार जया जादवानी एवं भारतीय संस्कृति संसद, कोलकाता की साहित्य विभाग प्रमुख डॉ. तारा दूगड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी भी विशेष तौर पर उपस्थित थे।

पं. माधवराव सप्रे की पत्रकारिता में राष्ट्रीय चेतना विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सप्रे जी ने भारतीय वैदिक परंपरा और संस्कृति को आधार बनाकर अपने लेखन के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना और राष्ट्रबोध को जगाने का काम किया। उनके निबंधों को पढ़ने पर मालूम होता है कि उनके ज्ञान का दायरा कितना व्यापक था। उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता और हिंदी भाषा के विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

दीक्षित ने कहा कि महापुरुषों की विशेषता होती है कि वे अपने समय से दो कदम आगे चलते हैं। सप्रे जी के लेखन से यह पता चलता है कि किस तरह उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से एक नई व्यवस्था बनाने का प्रयास किया। सप्रे जी ने एक ऐसे समाज की रचना करने की कोशिश की, जहां उनकी आने वाली पीढ़ी सुख और शांति के साथ रह सके।

साहित्य परिक्रमा के संपादक डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष ने कहा कि सप्रे जी का मानना था कि एकजुट होकर ही स्वाधीनता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। सप्रे जी की सार्द्ध शती के अवसर पर उन्हें याद करना सही मायने में अपने उस पुरखे को याद करना है, जिसने हमें भाषा और संस्कार दिए। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी उस सपने के लिए न्योछावर कर दी, जिससे यह देश और उसके लोग आजादी की हवा में सांस ले पाएं। प्रख्यात कथाकार जया जादवानी ने कहा कि सप्रे जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे प्रखर पत्रकार थे, तो कुशल लेखक भी थे। उन्हें हिंदी की पहली मौलिक कहानी लिखने का श्रेय प्राप्त है। अपनी कहानियों के माध्यम से सप्रे जी ने समाज को मानवता का संदेश देने का काम किया। भारतीय संस्कृति संसद, कोलकाता की साहित्य विभाग प्रमुख डॉ. तारा दूगड़ ने कहा कि सप्रे जी बोलना कम और लिखना ज्यादा पसंद करते थे। अपनी लेखनी के माध्यम से उन्होंने भारतीय जनमानस को एक सूत्र में बांधने का काम किया। साधन और सुविधाओं को छोड़कर सप्रे जी ने विपदा ओर चुनौती का मार्ग अपनाया। उन्होंने कहा कि पं. माधवराव सप्रे पत्रकारिता को सामाजिक जागरुकता का अस्त्र मानते थे। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने भारत के लोगों में आत्मबोध जगाने का काम किया।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि पं. माधवराव सप्रे ने भारतीय समाज को आत्म विस्मृति से आत्म परिचय की ओर ले जाने का काम किया। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य है कि हम अपने पुरखों का स्मरण करें और उनके विचारों का अनुसरण करें। कार्यक्रम का संचालन हिंदी पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. आनंद प्रधान ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह ने किया।

आगामी 5 अगस्त को होगा ‘अन्न महोत्सव‘ का आयोजन

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आगामी 5 अगस्त से राशन वितरण शुरू किया जाएगा और इसी दिन ‘अन्न महोत्सव‘ का आयोजन किया जाएगा। इसके अन्तर्गत प्रदेश की चयनित उचित दर दुकानों पर उपस्थित लाभार्थियों से प्रधानमंत्री द्वारा संवाद किया जायेगा। इस संबंध में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रमुख सचिव खाद्य, वीना कुमारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों, प्रबंध निदेशक, उप्र राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम, सम्भागीय खाद्य नियंत्रक और जिला पूर्ति अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार दुबे देते हुए बताया कि 5 अगस्त को प्रदेश में आयोजित होने वाले ‘अन्न महोत्सव‘ के संदर्भ में वाराणसी, गोरखपुर, मुरादाबाद, हमीरपुर, अयोध्या, बाराबंकी, शाहजहांपुर, कौशांबी, आगरा और बहराइच की चयनित उचित दर दुकानों पर उपस्थित लाभार्थियों से प्रधानमंत्री द्वारा संवाद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन से प्रारंभ होने वाले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत वितरण हेतु आवंटित खाद्यान्न की उठान प्रत्येक दशा में 31 जुलाई, 2021 तक खाद्य विभाग की विपणन शाखा एवं उत्तर प्रदेश राज्य आवश्यक वस्तु निगम द्वारा भारतीय खाद्य निगम से सुनिश्चित कर दी जाएगी।

दुबे ने बताया कि इसी प्रकार इस योजना के अंतर्गत उठाई गई मात्रा को तत्परता से दुकानों को निर्गत किया जाएगा, ताकि 05 अगस्त से पूर्व प्रत्येक उचित दर दुकान पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाए और 5 अगस्त से निर्बाध वितरण शुरू हो सके। उन्होंने बताया कि जिला पूर्ति अधिकारी एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि वह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक उचित दर दुकान पर खाद्यान्न की उपलब्धता डोर स्टेप डिलीवरी अथवा उचित दर विक्रेता द्वारा स्वयं उठान के माध्यम से हो जाए।

अपर आयुक्त ने बताया कि ‘अन्न महोत्सव‘ के दिन प्रत्येक उचित दर दुकान पर कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए कम से कम 100 लाभार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी, जिनमें कुछ ऐसे लाभार्थी भी होंगे, जो प्रथम बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत राशन प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक उचित दर दुकान पर टेलीविजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि वहां उपस्थित जनमानस, जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से अनाच्छादित व्यक्ति भी होंगे, जो इस प्रसारण को देख सकेंगे।

इसके अतिरिक्त सूचना विभाग उ0प्र0 की ओर से जनपदों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु थैले प्रेषित किये जा रहे है।

गौतमबुद्धनगर में जमालपुर गांव के नजदीक स्थित सिंचाई विभाग की भूमि पर चारदीवारी के निर्माण हेतु 67.32 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद गौतमबुद्धनगर में जमालपुर गांव के नजदीक मान्ट शाखा के डिग्गी नहर के बांये किनारे पर चारदीवारी के निर्माण हेतु 67.32 लाख रूपये की धनराशि परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय करने हेतु अवमुक्त की गयी है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 28 जुलाई 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि में नियमानुसार सेन्टेज चार्ज एवं लेबर सेस का भुगतान अनिवार्य रूप से करने के साथ ही वित्तीय अनुशासन का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा बजट मैनुअल के प्राविधानों के अनुसार व्यय प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराना होगा। 

इसे भी पढ़ें: UP चुनाव से पहले दिल्ली में बीजेपी का बड़ा मंथन, 'मिशन 2022' के लिए सांसदों ने जेपी नड्डा संग बनाई रणनीति 

शासनादेश में यह भी कहा गया है कि इस परियोजना के कराये जाने वाले कार्यों में गुणवत्ता का अनुपालन करते हुए समय से पूरा कराने की जिम्मेदारी मुख्य अभियंता द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।

राजवाहा जेवर के क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निमाण एवं हैड रेगूलेटर पर स्टील गेट लगाने की परियोजना हेतु 21.52 लाख रूपये अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा राजवाहा जेवर के आंतरिक अनुभाग की पुनर्स्थापना, क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निमाण एवं हैड रेगूलेटर पर स्टील गेट लगाने की परियोजना हेतु प्राविधानित धनराशि 36.52 लाख रूपये के सापेक्ष 21.52 लाख रूपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय करने हेतु अवमुक्त की गयी है।

इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 28 जुलाई 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि में नियमानुसार सेन्टेज चार्ज एवं लेबर सेस का भुगतान अनिवार्य रूप से करने के साथ ही वित्तीय अनुशासन का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा बजट मैनुअल के प्राविधानों के अनुसार व्यय प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराना होगा।

शासनादेश में यह भी कहा गया है कि इस परियोजना के कराये जाने वाले कार्यों में गुणवत्ता का अनुपालन करते हुए समय से पूरा कराने की जिम्मेदारी मुख्य अभियंता द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 04 करोड़ 05 लाख रूपये की धनराशि मंजूर

राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में केन्द्रांश की प्रथम किश्त की धनराशि 4,05,00,000 रूपये (रूपये चार करोड़ पांच लाख मात्र) स्वीकृत करते हुए आयुक्त ग्राम्य विकास, उप्र के निवर्तन पर रखने के निर्देश दिये हैं। स्वीकृत धनराशि का व्यय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण कार्य हेतु किया जायेगा।

इस सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही के लिए आयुक्त, ग्राम्य विकास विभाग, उप्र को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिसमें निर्देशित किया गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि के सुसंगत आहरण/व्यय किये जाने का दायित्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उप्र ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, लखनऊ का होगा।

स्वीकृत की जा रही धनराशि का व्यय योजना के अन्तर्गत निर्धारित गाइड लाइन में उल्लिखित व्यवस्था एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त व्यवस्था के अन्तर्गत किया जाएगा।

गन्ना विकास विभाग की उत्कृष्ट कार्य योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा युवाओं एवं ग्रामीण अंचल की महिलाओं में गन्ने की खेती के माध्यम से उद्यमिता की भावना विकसित करने के आदेशों के क्रम में मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास सुरेश राणा द्वारा युवाओं एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को गन्ना खेती से जोड़ते हुए उनमें प्रतियोगी भावना का संचार करने हेतु निर्देश पारित किये गये हैं।

इन निर्देषों को यथार्थ रूप में फलीभूत करने के लिए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा युवाओें एवं महिलाओं को गन्ने की खेती हेतु प्रेरित करने तथा उनमें प्रतियोगी भावना का संचार करने हेतु 02 नई श्रेणी ‘युवा गन्ना किसान’ (30 वर्ष की आयु तक) एवं ’गन्ने की खेती से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों’ को भी उत्कृष्ट कार्य योजना में सम्मलित करने का निर्णय लिया गया है।

उत्कृष्ट कार्य योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त ने बताया कि उत्कृष्ट कार्य योजना अन्तर्गत नये दिषा-निर्देष जारी कर दिये गये हैं। इस योजना में पूर्व से शामिल उत्कृष्ट कार्य करने वाली 3 गन्ना समितियों, 3 गन्ना कृषकों के साथ-साथ अबगन्ने की खेती में उत्कृष्ट प्रदर्षन करने वाले युवा गन्ना किसानों तथा गन्ने की खेती से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों’ को भी क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार स्वरूप रू.51,000/-,रू.31,000/- एवं रू.21,000/- की पुरस्कार राशि, स्मृति चिह्न एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली 3 चीनी मिलों को भी पूर्ववत प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के रूप में स्मृति चिह्न एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि चीनी मिलों, गन्ना समितियों, गन्ना कृषकों, युवा गन्ना किसानों तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को अंक प्रदान किये जाने हेतु जनपद, परिक्षेत्र एवं प्रदेश स्तरीय कमेटियों का गठन का प्राविधान योजना में किया गया है। योजना का संपूर्ण व्ययभार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

उत्कृष्ट कार्य योजना अन्तर्गत इन दोनो श्रेणियों को सम्मिलित करने से युवा गन्ना किसानों का रुझान गन्ने की खेती के प्रति बढ़ेगा, उनमें प्रतियोगी भावना का संचार होगा साथ ही नवोन्मेषी तकनीकों के प्रयोग को भी बल मिलेगा। अच्छे उत्पादन के फलस्वरूप युवा गन्ना किसानों की आय में भी वृद्धि होगी, जिससे उनका परिवार आर्थिक एवं सामाजिक रूप से समृद्ध होकर गरिमामय जीवनयापन कर सकेगा। उत्कृष्ट कार्य योजना मे गन्ने की खेती से जुडे़ महिला स्वयं सहायता समूहों को शामिल करने से उनका मनोबल बढेगा, ग्रामीण अंचल की महिलाओं में उद्यमिता की भावना विकसित होगी उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा तथा आत्मनिर्भरता बढेगी।

इसे भी पढ़ें: योगी सरकार ने मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत 25 करोड़ रुपए की दी स्वीकृति  

बाघों से ही वनों का अस्तित्व है, वन जीवन का आधार है

बाघ हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है और भारतीय संस्कृति में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। टाइगर को आमतौर पर ऊर्जा और विशाल ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। जब कभी भी जंगल की चर्चा होती है तो शेर, चीता, बाघ की चर्चा अवश्य होती है क्योंकि बिना बाघों के जंगल अधूरा रहता है। उन्हें जंगल का राजा भी कहा जाता है। बाघों एवं उनके प्राकृतवास के संरक्षण हेतु जनमानस में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में आयोजित हुए सेन्ट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन हुआ था, जिसमें 13 व्याघ्र राष्ट्रो द्वारा प्रतिभाग किया गया था। उस सम्मेलन में वैश्विक बाघ दिवस (ग्लोबल टाइगर डे) प्रत्येक वर्ष दिनांक 29 जुलाई को मनाने का निर्णय लिया गया। भारत वर्ष में भी इस दिवस पर निरन्तर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यमों से जनमानस में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य के अन्तर्गत भारत सरकार के सहयोग से संचालित ’’प्रोजेक्ट टाइगर’’ लखीमपुरखीरी में दुधवा, पीलीभीत एवं अमानगढ़ (बिजनौर) टाइगर रिजर्व में भी हर वर्ष टाइगर संरक्षण हेतु जागरूकता के कार्यक्रम किये जाते हैं।

भारत वर्ष के राष्ट्रीय पशु बाघ को बचाने के लिये केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के सहयोग से व्याघ्र संरक्षण परियोजना चलायी जा रही है, जिसमें बाघ के अतिरिक्त अन्य परभक्षियों, भक्ष्य वन्य जीव एवं उनके प्राकृतवास का भी भरपूर संरक्षण हो रहा है। देश में बाघ संरक्षण के अभियान में उत्तर प्रदेश राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं। बाघ संरक्षण हेतु किये गए प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है 2014 में बाघों की कुल संख्या 117 पायी गयी थी। 2018 की गणना में यह संख्या 173 पायी गयी है। इस प्रकार बाघों की संख्या में 04 वर्षों में 48 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी, जो देश स्तरीय औसत (33 प्रतिशत) से कहीं ज्यादा है। इसका मुख्य कारण उनकी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, प्राकृत्वास सुधार, प्रत्येक स्तर पर बेहतर समन्वय एवं सहयोग रहा है।

सेंट पीटर्सबर्ग में हुए सम्मेलन में बाघों की संख्या वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य के सापेक्ष पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही दोगुनी हो जाने के फलस्वरूप पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अन्तर्राष्ट्रीय ज्ग्2 पुरस्कार से अलंकृत किया गया है। दुधवा टाइगर रिजर्व पेट्रोलिंग के लिये देश के समस्त टाइगर रिजर्वो द्वारा उपयोग किये जा रहे परिष्कृत ‘‘एम-स्ट्राईप्स‘‘ ऐप के माध्यम से पेट्रोलिंग करने में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी रहा है। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकार, भारत सरकार एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए देश व्यापी लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020 के माह मार्च एवं अप्रैल में दुघवा टाइगर रिजर्व की पेट्रोलिंग में प्रदर्शन सम्पूर्ण देश में सर्वोत्तम रहा है। इन दोनों ही माहों में दुधवा टाइगर रिजर्व के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों द्वारा क्रमशः लगभग 78000 व 79000 कि0मी0 पेट्रोलिंग की गयी।

बाघों से ही वनों का अस्तित्व है एवं वन जीवन के आधार है। यदि अगली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचा जाये तो वनों केा संरक्षण अतिआवश्यक है।

कानपुर-टुण्डला रेल सेक्शन के सम्पार संख्या-43 पर बना आरओबी

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम देश प्रदेश व विश्व के अनेक देशों में सेतुओं के निर्माण में एक ख्यातिलब्ध संस्था है, जिसने देश के विभिन्न राज्यों में अनेक सेतुओं का निर्माण कर नये कीर्तिमान स्थापित किये। राज्य सेतु निगम अपनी ख्याति के अनुरूप अभी भी सेतुओं के निर्माण में नित नये आयाम स्थापित कर रहा है।

उप्र राज्य सेतु निगम द्वारा जनपद फिरोजाबाद में उखरेण्ड-भदान मार्ग पर कानपुर-टुण्डला रेल सेक्शन के सम्पार संख्या-43 पर बना आर0ओ0बी0 आम जनता के लिये वरदान साबित हो रहा है। रू0 45 करोड़ 30 लाख 67 हजार की लागत से पूरी की गयी इस परियोजना की कुल लम्बाई 937.21 मी0 है तथा पहुंच मार्ग की लम्बाई 880.71 मी0 है। जनपद फिरोजाबाद के सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र में बनाये गये इस 02 लेन उपरिगामी सेतु के निर्माण की लम्बे समय से जनता द्वारा मांग की जा रही थी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसके निर्माण की आवश्यकता को गम्भीरता से लेते हुये इस पुल के बनाने का निर्णय लिया और फरवरी 2019 में कार्य प्रारम्भ हुआ।

सेतु निगम के अधिकारियों द्वारा अनवरत प्रयास करके इसे पूरा किया गया और सर्विस रोड का कार्य भी प्रगति पर है। इस आरओबी के बनने से पूर्व एनएच-2 से भदान रेलवे स्टेशन के निकट की क्रासिंग पर दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक होने के कारण ट्रेनों का आवागमन होता रहता था और जाम की स्थिति बनी रहती थी। इस क्रासिंग पर रेल उपरिगामी सेतु के बन जाने से जाम की समस्या से बहुत बड़ी निजात मिली वही आम जनता किसानों को बड़ी सुविधा प्राप्त हो रही है। यह परियोजना डेडीकेटेड फ्रन्ट कॉरीडोर योजना पर होने के कारण भारत सरकार की भी प्राथमिकता में थी। उप्र राज्य सेतु निगम लि0 आगरा अंचल द्वारा बनाए गए इस आर0ओ0बी0 की क्षेत्रीय जनमानस में बेहद सराहना हो रही है।

सफलता की कहानी-लाभार्थियों की जुबानी

हर एक नागरिक का सपना होता है कि उसका अपना एक पक्का मकान हो, जिसमें वह अपने परिजनों सहित आराम का जीवन व्यतीत कर सके। परन्तु आर्थिक स्थित खराब होने के चलते सभी का यह सपना सकार नही हो पाता। गरीब/असहायों के सपने को साकार करने के वास्ते शासन द्वारा ‘प्रधानमन्त्री आवास योजना‘ चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे गरीब असहाय जिनके पास अपना पक्का मकान नही था और निर्धनता के कारण अपना आवास बनाने में असमर्थ थे, को इस योजना का लाभ देकर सरकार द्वारा गरीबों का सपना साकार किया जा रहा है। अब तक लाखों लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है और दिया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना‘ गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है।

जनपद कौशाम्बी के विकास खण्ड कड़ा के अन्तर्गत ग्राम दरियापुर जीता की निवासी समपतिया पत्नी केश लाल द्वारा बताया गया कि मुझे वर्ष 2020-21 में प्रधानमन्त्री आवास का लाभ दिया गया है। इससे पूर्व हमारा घर झोपड़ीनुमा था। पक्का घर बनाने का मेरा सपना था, लेकिन यह सपना कैसे पूरा होगा, मै नही जानती थी। मुझे जब लोगों ने बताया कि मोदी जी ने एक घर बनाने की योजना चलायी है, तब मुझे विश्वास नही हो रहा था। आज जब मै अपने पक्के मकान में रह रही हूं तो मुझे एक सपना लग रहा है। पहले झोपड़ीनुमा घर में सांप विच्छू आ जाते थे। बरसात में झोपड़ी टपकने लगती थी और ठंड के दिनों में बहुत परेशानी होती थी, पूरी रात आग के सहारे मेरा परिवार रहता था। अब पक्के घर में हम और हमारे बच्चे चैन से रह रहे है। आवास एवं आवास निर्माण का पूरा पैसा मुझे प्राप्त हो गया है। हमारा सपना साकार हो गया है। हम मोदी जी एवं योगी जी के आभारी है, जिन्होने गरीबों को उनके सपने को पूरा करने का अवसर दिया। आज उनके कारण ही हम पक्के मकान में रह रहे है। शौचालय का लाभ भी मुझे प्राप्त हुआ, जिसके कारण हम व हमारा परिवार शौच के लिए बाहर नही जाते है और हम अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे है। सरकार द्वारा चलाई जा रही बहुत सारी याजनाओं का लाभ भी हमें मिल रहा है।

कमलेश्वरी देबी पत्नी स्व दलश्रंगार, ग्राम पंचायत अगया, विकास खण्ड डुमरियागंज, जनपद सिद्वार्थनगर बताती है कि मेरे पति का बीमारी के कारण देहान्त हो गया था। मेरे बच्चे भी नही थे। मेरा कच्ची दिवार वाला अत्यन्त पुराना घर था, जिसके उपर पन्नी तानकर मेरा गुजर बसर चल रहा था। पति के मृत्यु के बाद मेरी जिन्दगी में चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा था। बरसात के दिनों में जब मूसलाधार बरसात होती थी, तो मेरे घर में चारो तरफ पानी ही पानी भर जाता था। घर में पति और कोई कमाऊ सदस्य न होने के कारण घर बनवाने की दूर-दूर तक कोई उम्मीद नही दिख रही थी। एक दिन मेरी ग्राम पंचायत के सचिव मेरे गॉव आये और उन्होने मेरा आधार कार्ड और बैंक एकाउन्ट पासबुक मांगा। उन्होने मेरा मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन कराया। कुछ दिन बाद मेरा आवास स्वीकृत हो जाने की सूचना दी। पहली बार मुझे यकीन नही हुआ, किन्तु जब मैने बैंक जाकर पता किया तो मेरे खाते में पैसा आ गया था। मैने अपना घर बनवाना शुरू कर दिया। तीन किश्तो में आवास की धनराशि तथा मनरेगा की मजदूरी मिलाकर मिले पैसों से अपना घर बनवाया, जिसमें ब्लाक के अधिकारी/कर्मचारियों ने मेरी मदद की। मै सरकार की बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होने मुझ जैसी निराश्रित गरीब महिला के बारे में सोचा और घर बनवाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराकर मेंरी अंधेरी जिन्दगी में रोशनी लाने का काम किया।

जनपद वाराणसी के विकासखण्ड पिंडरा के अन्तर्गत ग्राम रामनगर गजेंडा की निवासी कमलादेबी पत्नी राजनारायण द्वारा बताया कि हमारा सपना था कि हमारा भी पक्का मकान हो। आर्थिक स्थित खराब होने से हम अपना घर नही बनवा पा रही थी। प्रधानमन्त्री आवास योजना में हमारा चयन हुआ। हमारा अच्छा पक्का मकान बन गया। हम परिवार सहित अब उसी में प्रसन्तापुर्वक रह रहे है। कमलादेबी यह बताते हुए भावुक हो जाती है कि वह ऐसी भाग्यशाली है कि देश के प्रधानमन्त्री जी ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से उनसे 20 जनवरी 2021 को उनसे वार्ता की। वह बताती है कि सरकार द्वारा अन्य योजनाओं का लाभ भी मुहैया कराया गया है। प्रधानमन्त्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत रसोई गैस की सुविधा मिली। पहले झोपड़ी में चूल्हा जलाती थी, अब पक्के घर में गैस से खाना बनाती हूं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का भी लाभ मिल रहा है। महिला सहायता समूह से भी जुड़ी हूं। अब उनका जीवन स्तर बेहतर हुआ है। कमलादेबी बताती है कि आज उनके पास पक्का मकान है, शौचालय है, रसोई गैस है, बीमा सुरक्षा है, आजीविका कार्य हो जाने से वह आर्थिक रूप से मजबूत व आत्म निर्भर हुई और उनमें आत्म विश्वास बढ़ा है। यह सब सरकार द्वारा संचालित आवास योजना सहित अन्य योजनाओं के मिले लाभ के कारण संभव हो सका है। हम परिवार सहित प्रधानमन्त्री व प्रदेश के मुख्यमन्त्री जी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं।

जनपद सोनभद्र के विकासखण्ड म्योरपुर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेलहठी के निवासी शंकर पुत्र दशरथ बताते है कि गरीबी के कारण वह एक जीर्ण-शीर्ण मकान में निवास करते थे। हमारा सपना था कि हमारा भी एक पक्का मकान हो और उस मकान में हम परिवार सहित रह सके। परन्तु आर्थिक तंगी के चलते वह सपना पूर्ण नही हो पर रहा था। अन्दर से मन खिन्न हो चला था। उसी समय कुछ लोगों ने हमे बताया कि मोदी जी ने गरीब असहाय लोगों के लिए घर बनवाने की एक योजना चलायी है, जिसके द्वारा गरीब-असहाय लोगों के अपने पक्के घर का सपना साकार हो रहा है। मुझे इसका विश्वास न हुआ। परन्तु प्रधानमन्त्री आवास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में मेरा चयन हुआ और आज हमारा पक्का मकान है।

शंकर बताते है पहले उनका कच्चा घर था, जब बरसात होती थी तो रात भर बच्चों सहित जागकर रात्रि बितानी होती थी। अब हम परिवार सहित पक्के मकान में आराम से रहते है। हमारा अपना शौचालय भी है, जिसके कारण हमारा परिवार शौच के लिए अब बाहर नही जाता है। ‘हम अभारी है प्रधानमन्त्री एवं प्रदेश के मुख्यमन्त्री के, जिन्होने गरीबों को उनके सपने पूरे करने का अवसर दिया। आज उन्ही के कारण हमारे पास अपना पक्का मकान है। सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी हमारे परिवार को मिल रहा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़