एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रशासन सख्त, बाधा डालने वालों से कढ़ाई से निपटने के निर्देश
मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा परिसर में धरना देने से रोक लगाने के बाद अब सिवाया टोल प्लाजा पर एंबुलेंसकर्मियों ने धरना शुरू किया।
मेरठ। नियमितीकरण और अन्य समस्याओं की मांग को लेकर मेरठ सहित पूरे प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रशासन सख्त हो गया है। जिलाधिकारी मेरठ के बालाजी ने बताया कि एस्मा लागू होने के बाद हड़ताल असंवैधानिक है। एम्बुलेंस सेवा के संचालन में बाधा आने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकार की सख्ती के बाद भी हड़ताल खत्म करने को कर्मचारी तैयार नहीं हैं। राजधानी में सेवा प्रदाता कंपनी ने 11 एम्बुलेंस कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इससे हड़ताली कर्मचारियों में आक्रोश है। कमिश्नर मेरठ ने मंडल के सभी डीएम को पत्र भेजकर कार्रवाई के लिए कहा है। उधर, मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा परिसर में धरना देने से रोक लगाने के बाद अब सिवाया टोल प्लाजा पर एंबुलेंसकर्मियों ने धरना शुरू किया।
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एंबुलेंस सेवा 102 व 108 के कर्मचारी पिछले तीन दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। जिस कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कमिश्नर ने मंडल के सभी जिलाधिकारी, एसएसपी व मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश पत्र भेजकर कार्रवाई के लिए कहा है। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह के अनुसार जनपद में कोरोना महामारी के कारण एस्मा लागू है। ऐसी स्थिति में हड़ताल पूरी तरह से अवैध है।
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कमिश्नर ने निर्देश देते हुए कहा कि एंबुलेंस सेवा 102 व 108 के कर्मचारी जो भी हड़ताल में शामिल हैं ऐसे कर्मियों पर एस्मा एक्ट व अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अनुसार एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। वहीं जिले के जिलाधिकारी के बालाजी ने बताया कि कर्मचारियों केा अपनी समस्याएं रखने का अधिकार है। अगर कोई परेशानी है तो उसको कहने का तरीका है हड़ताल किसी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हड़ताली कर्मचारी वापस नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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