कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर पड़ेगा असर ? सरकार बोली- अभी ऐसा कोई संकेत नहीं
बच्चों पर तीसरी लहर के संभावित प्रभाव पर एक सवाल के जवाब में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि कोविड-19 की आगामी लहर में बच्चों में काफी संक्रमण फैलेगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।
बहरहाल उन्होंने कहा कि शिक्षा, तनाव और मानसिक मुद्दों, स्मार्टफोन पर निर्भरता/लत और शिक्षा में बाधा के चलते महामारी के दौरान बच्चों पर असर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम पहले एवं दूसरे चरण के आंकड़ों को देखते हैं तो यह काफी मिलता-जुलता है और यह दिखाता है कि बच्चे सामान्य तौर पर सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण होता भी है तो उनमें मामूली संक्रमण आता है। और वायरस बदला नहीं है इसलिए इस तरह के संकेत नहीं हैं कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे।’’ और इस तरह की संकल्पना है कि वायरस शरीर में एसीई रिसेप्टर (एक तरह का इंजाइम जो आंत, किडनी, हृदय की कोशिकाओं से जुड़ा होता है) के माध्यम से प्रवेश करता है और वयस्कों की तुलना में बच्चों में यह रिसेप्टर कम होता है। गुलेरिया ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने इस सिद्धांत को प्रचारित किया उनका कहना है कि अभी तक बच्चे प्रभावित नहीं हुए हैं, इसलिए संभवत: तीसरी लहर में वे ज्यादा प्रभावित होंगे। लेकिन अभी तक साक्ष्य नहीं मिला है कि आगामी लहर में बच्चों में इसका गंभीर संक्रमण होगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।’’A total of 14.56 crore (1st & 2nd doses) vaccines have been administered to people above 45 years of age. While 1.06 crore vaccines (1st dose) has been administered to people b/w 18 & 44 years of age: Lav Agarwal, Joint Secretary, Union Health Ministry pic.twitter.com/9dVE8P7dTj
— ANI (@ANI) May 24, 2021
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यह टिप्पणी उन विशेषज्ञों की राय के परिप्रेक्ष्य में आई है जिन्होंने चेतावनी दी है कि तीसरी लहर में वयस्कों की तुलना में बच्चे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं और इसकी तैयारियां करने की जरूरत है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने हाल में कहा था कि बच्चों में भी वयस्कों के जितना ही संक्रमण का खतरा प्रतीत होता है, लेकिन ‘‘तीसरी लहर में विशेष रूप से बच्चों के प्रभावित होने की संभावना नहीं है।’’ देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा है कि देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारों को बच्चों एवं नवजातों को बचाने के लिए तैयारियां तेज करनी चाहिए।
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